ओम प्रकाश चौटाला की अपनी राजनीति है, उनका हमारे साथ कोई लेना देना नहीं है: ज्ञान चंद गुप्ता

7/28/2021 10:09:56 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला द्वारा प्रदेश और देश में तीसरे मोर्चे का विकल्प भाजपा के सामने खड़ा करने पर आज पंजाब केसरी ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति स्वतंत्रता से अपने कार्य कर सकता है। ओमप्रकाश चौटाला चाहे संस्था बनाकर कार्य करें या अकेले करें यह उनकी राजनीति है। उसका निर्णय उन्होंने खुद करना है। उनका हमारे साथ कोई लेना देना नहीं है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर पंजाब के विधायकों द्वारा हमला करने के मामले में प्रदेश के डीजीपी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के सामने प्रस्तुत की थी। जिस पर ज्ञान चंद गुप्ता ने पूरी तरह से असंतोष जताया था। गुप्ता ने कहा था कि यह रिपोर्ट कहीं ना कहीं मुख्य आरोपियों को बचाने तथा उनके द्वारा मांगे गए प्रश्नों पर लीपापोती करने का प्रयास है। गुप्ता ने बताया कि जो रिपोर्ट पुलिस द्वारा उन्हें पहली सौंपी गई थी, उस पर भी हमने सवाल खड़े किए थे और कुछ विषय लिख कर दिए थे और जांच डीजीपी को सौंपी गई थी। लेकिन डीजीपी द्वारा सौंपी गई इस रिपोर्ट में उन प्रश्नों उन विषयों को बिल्कुल दरकिनार किया गया है। 

सही रिपोर्ट- सही जवाब देने की बजाय पहली रिपोर्ट में जिन 9 लोगों को दोषी बताया गया था, इस रिपोर्ट में उनमें से छह लोगों को क्लीन चिट दे दी गई है। जिसमें उस समय के एसएसपी को भी क्लीन चिट दी गई है। यह केवल और केवल लीपापोती का प्रयास है। यह रिपोर्ट अब प्रिविलेज कमेटी को भेजी गई। गुप्ता ने कहा कि यह विधानसभा के एक सदस्य प्रदेश के एक मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का हनन का मामला है। जिसे किसी भी रूप में हल्के में नहीं लिया जा सकता।

जल्द ही मानसून सत्र की कभी भी घोषणा हो सकती है। इस मामले में जानकारी देते हुए गुप्ता ने बताया कि वह सत्र चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार जब चाहेगी जिस दिन चाहेगी मानसून सत्र घोषित हो जाएगा। कोविड कॉल में जिस प्रकार से केंद्र की सभी गाइडलाइंस-सभी सावधानियों का ध्यान रखा गया था। इस सत्र में भी उसी प्रकार से काम किया जाएगा।

हाल ही में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिल कर आए हैं। मुलाकात का एजेंडा क्या था ? किस प्रकार की मांग प्रदेश के विधानसभा स्पीकर द्वारा रखी गई ? इस बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा ओम बिरला को पत्र लिखा गया था। जिसमें हरियाणा विधानसभा की आज की परिस्थितियों को देखते हुए एक मांग रखी गई थी कि हरियाणा विधानसभा का भवन अलग से बनाया जाए। क्योंकि आज हरियाणा विधानसभा में न तो हमारे कर्मचारियों-अधिकारियों की बैठक के लिए उचित स्थान उपलब्ध है और ना ही हमारे मंत्रियों के लिए सदन में काम करने के लिए बैठकों की व्यवस्था भी सही ढंग से नहीं कर पा रहे। न हीं उन्हें कमरा दे पा रहे। न हीं विपक्ष के नेता के लिए उचित व्यवस्था की जा पा रही है।

गुप्ता ने बताया कि 2026 में डीलिमिटेशन होनी है। जिसके बाद निश्चित तौर पर हरियाणा के विधायकों की संख्या 90 से कहीं अधिक हो जाएगी। कम से कम 20 विधायकों की बढ़ोतरी की उम्मीद है। जो कि विधानसभा में एक भी विधायक अतिरिक्त को ऑफिस इत्यादि देने की संभावनाएं नहीं है। उनके बैठने की व्यवस्था नहीं हो पाएगी। इसलिए आज ही इस बारे में सोचना बहुत जरूरी है। गुप्ता ने बताया कि जब प्रदेश को विधानसभा हैंड ओवर की गई थी, उस समय केवल 10-15 ही समाचार पत्र निकलते थे। जो कि आज सैकड़ों निकल रहे हैं। आज इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के पत्रकार भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन हमें अलग से करीब 10 एकड़ जमीन दें। ताकि एक अच्छी विधानसभा बनाई जा सके। जिन प्रदेशों में उचित स्थान था उनमें भी अच्छी आज की तकनीक के हिसाब से विधानसभा बनाई गई है। मैंने यह मांग लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने रखी है।
 

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Content Writer

Virender Sharma