खास बातचीत में ज्ञानचंद गुप्ता बोले- 3 दिन के सेशन में 60 विधायकों ने कही अपनी अपनी बात

8/24/2021 11:02:41 PM

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश का मानसून सत्र का 3 दिन के बाद मंगलवार को समापन हो गया, जिसमें सत्ता पक्ष के विधायक पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए। वहीं विपक्ष के कुछ विधायकों द्वारा यह सत्र काफी छोटा बताया गया और साथ ही साथ कुछ विधायकों ने आरोप भी लगाए कि इस सेशन के दौरान समय की अत्याधिक बर्बादी सत्ता पक्ष द्वारा जानबूझकर ध्यान भटकाने के लिए की गई है। वहीं इस बारे में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का क्या मानना है? कितने बिल आए? कितने पास हुए? कितने कॉल अटेंशन मोशन और क्वेश्चन आए और विपक्ष की भूमिका के बारे में उनकी राय क्या है? इन सब पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा हुई। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न:- 3 दिन का सेशन कंप्लीट हुआ है। इस पर आप का निष्कर्ष क्या है?
उत्तर:- 3 दिन का मानसून सत्र बहुत अच्छे ढंग से सभी के सहयोग से संपन्न हुआ है। अधिकतर विधाई कार्य जो सरकार के बिल आए थे या विधायकों के काल अटेंशन मोशन या क्वेश्चन आए थे, बहुत सही तरीके से समय बद्ध तरीके से परफॉर्म किया गया। लगभग सभी विधायक संतुष्ट हुए हैं।

प्रश्न:- आपके जीरो आवर के प्रयास की सराहना विपक्ष के भी सभी विधायक कर रहे हैं?
उत्तर:- क्योंकि हमारी विधानसभा में लगभग आधे विधायक नए हैं। जो पहली बार चुनकर आए हैं। इसलिए मेरा शुरू से यह प्रयास रहा है कि ऐसे विधायकों को अपनी बात रखने का अधिक से अधिक समय मिले। यह जीरो ओवर शुरू करने की प्रपोजल आई थी कि एक घंटा उन सभी विधायकों को इससे समय मिल जाएगा। जब तक सेशन चलेगा हर दिन एक-एक घंटा वह अपनी बात रख सकेंगे। इन 3 दिनों में 3 घंटे जीरो ओवर में 60 विधायकों ने अपनी अपनी बात कही। चाहे वह उन्होंने अपने विधानसभा की कहीं हो या फिर प्रदेश स्तर की। सरकार ने उनकी बात को नोटिस किया है।

प्रश्न:- इस सत्र में कुल कितने बिल लाए गए?
उत्तर:- 3 दिन के मानसून सत्र में कुल मिलाकर 10 दिन आए। सभी के सभी पास हुए हैं। एक-दो बिल में डाईसेंट आई है। बाकि सभी सहमति से पास हो गए।

प्रश्न:- इनमें कुछ महत्वपूर्ण बिलों के बारे में बताएं?
उत्तर:- महत्वपूर्ण बिल नकल रोकने के लिए, परिवार पहचान पत्र को लेकर सरकार लेकर आई है। पंचकूला में मेट्रोपॉलिटन सिटी का बिल भी सरकार ने पास करवाया है। बहुत से बिल इस सेशन में पास हुए हैं। 37-38 कॉल अटेंशन मोशन आए। लेकिन एक दिन में दो से अधिक नही लगाए जा सकते थे। 3 दिन में हमने 6 कॉल अटेंशन मोशन लगाए हैं। पहली बार बिल जो विधायकों को पहले ही भेजे गए थे, उनके अच्छे परिणाम निकल कर आए हैं। क्योंकि उन पर सदन में चर्चा हुई है। कुछ बिलों में विधायकों ने बदलाव को लेकर सुझाव भी दिए हैं। सप्लीमेंट्री एस्टीमेट पर भी बहुत से विधायकों ने अपनी बात रखी। सदन में चर्चा एक ऐसी चीज है जो सभी को गंभीरता से करनी चाहिए।

प्रश्न:- पेपर लीक और नकल रोकने को लेकर सरकार काफी गंभीर है। अब बिल भी बन गया। आप राजनीतिक नजरिए से इसे कैसे देखते हैं?
उत्तर:- यह लाना बहुत आवश्यक था। पेपर लीकिंग, नकल की घटनाएं कुछ समय से निरंतर बढ़ती जा रही थी। उस पर रोक लगाने के लिए कानूनी रूप से सजा दिलवाने के लिए इस कदम की बेहद आवश्यकता थी। मैं समझता हूं कि सरकार ने यह बिल लाकर नकल और पेपर लीकेज को रोकने का बड़ा प्रयास किया है।

प्रश्न:- कुछ विधायक 3 दिन के सदन को काफी छोटा बता रहे हैं। क्या भविष्य में उनकी इस बात का ध्यान रखा जाएगा?
उत्तर:- अगर सदन के पास बिजनेस होगा, तो हमें सदन लंबा करने में किसी भी प्रकार का गुरेज नहीं है।

प्रश्न:- बतौर स्पीकर कांग्रेस की भूमिका को कैसे देखते हैं?
उत्तर:- विपक्ष के नाते जो उनकी भूमिका होनी चाहिए वह अच्छे ढंग से अपनी भूमिका को निभा रहे हैं। जहां उन्हें लगता है कि किसी मामले में चर्चा की जरूरत है या सरकार को चेक करने की जरूरत है, सभी सदस्य विपक्ष के साथ ही अपनी अपनी राय भी रखते हैं।
 

Content Writer

Shivam