प्रदेश की नदियों को साफ रखने के लिए 13 जिलों में आज से शुरू होगी हाफ मैराथन

1/20/2020 12:15:03 PM

चंडीगढ़(गौड़): हरियाणा की नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अब प्रदेश सरकार ने घर-घर तक लोगों से संपर्क साधने का फैसला किया है। इसलिए इस साल की शुरूआत से ही बड़े स्तर पर प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसकी शुरूआत 20 जनवरी से होने जा रही है।

खास बात यह है कि यमुना व घग्गर नदियों को साफ-सुथरा रखने हेतु युवा वर्ग को इस अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। इसके लिए राज्य के 15 जिलों में हाफ मैराथन का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश में पहली हाफ मैराथन सोमवार को गुरुग्राम में आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से तैयार किए गए कैलेंडर अनुसार इस पूरे महीने सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम होंगे, जबकि क्विज,नुक्कड़ नाटक और ड्राइंग कम्पीटीशन का आयोजन भी किया जाएगा।

यह जागरूकता अभियान 28 फरवरी तक चलेगा। सूत्रों अनुसार इस पूरे अभियान की रिपोर्ट तैयार होगी,जिसमें अधिकारियों को बताना होगा कि एक महीने दौरान यमुना व घग्गर नदी को साफ रखने हेतु कितने प्रयास किए गए।

कई विभागों ने नहीं दी डिटेल
नए एस.टी.पी. बनाने में अभी भी कई विभाग एन.जी.टी. द्वारा तय की गई समय सीमा से काफी पीछे चल रहे हैं, जिस कारण इन विभागों को प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे में अपनी डिटेल्स सबमिट करवाने को कहा गया था लेकिन गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हरियाणा राज्य औद्योगिक तथा बुनियादी ढांचा विकास निगम ने अभी तक इस बारे में कोई डिटेल नहीं दी है, जिस पर चीफ सैक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा ने निर्देश दिए हैं कि जल्द ये डिटेल आगामी मीटिंग से पहले भेजी जाए।

इन जिलों में चलेगा अभियान
यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, करनाल, बल्लभगढ़, हिसार, बहादुरगढ़, भिवानी, पंचकूला, धारुहेड़ा में यह अभियान चलाया जाएगा।

जुर्माने से बचने के लिए पहले ही लेनी होगी मंजूरी 
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने प्रदेश सरकार को हिदायत दी है कि नदियों को साफ रखने हेतु एक्शन प्लान तहत सभी सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) जल्द तैयार कर लिए जाएं। एन.जी.टी. ने इसके लिए 30 जून अंतिम तारीख तय की है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने अपने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई विभाग जुर्माने से बचना चाहता है तो उसे पहले ही एन.जी.टी. से मंजूरी लेनी होगी। गौरतलब है कि एन.जी.टी. ने निर्देश दिए हैं कि अगर सभी एस.टी.पी. 30 जून तक न बन पाए तो प्रदेश सरकार को पांच लाख रुपए प्रतिमाह हर एस.टी.पी. का जुर्माना भरना होगा।

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vinod kumar