साईड स्टाेरी: ईयर फोन का ‘सितम’, नए साल से पहले मातम

12/31/2019 11:54:49 AM

यमुनानगर(सतीश): ईयर फोन लगाकर कार व बाइक राइडिंग एवं पैदल चलना किस तरह जान पर पड़ सकता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण आज दोपहर 2 बजे गांधी नगर फाटक के पास दिखा। इतना हीं नहीं, हादसे के बाद सभी लोग बेपरवाह लाइन पर गुजरते नजर आए। लोगों में आज भी जागरूकता की कमी है। अगर हरिओम स्कूल की अध्यापिका हरमिंद्र कौर (26) ने ईयर फोन न लगा रखा होता तो वह आज जिंदा होती और नये साल 2020 जश्न भी मनाती।

हादसे के दौरान मौजूद चश्मदीद रामश्री ने बताया कि उक्त टीचर ने ईयर फोन लगा रखा था। पीछे से ट्रेन आ रही थी। उसे बचाने के लिए कई आवाजें भी लगाई लेकिन वह सुन नहीं पाई। इसी कावजह से वह टे्रन की चपेट में आ गई। वहीं नये साल 2020 आने में भी मात्र कुछ घंटे बाकी है लेकिन हादसे के बाद मृतका के परिवार में मातम छाया है।

दादी की भी हो गई मौत
हरमिन्द्र कौर की मौत ट्रेन की चपेट से हुई। वहीं, पिछले 10-12 दिन से उनकी दादी अतर कौर निजी अस्पताल में बीमारी के कारण दाखिल थी। सोमवार को उसकी भी मौत हो गई। परिवार को हरमिन्द्र कौर की मौत की सूचना भी अस्पताल में ही मिली। उधर, 2 मौत की सूचना मिलने के बाद पड़ोसी और रिश्तेदार उनके घर पर इक_ा हो गए। यहां पर बड़ी असमंजस थी कि इस दुख के मौके पर क्या किया जाए। हरमिन्द्र के शव को तो जी.आर.पी. अस्पताल ले गया था। वहीं, अतर कौर(71) को घर लाने की बात कही जा रही थी। मृतका की शादी अम्बाला में हुई थी। 

आदेशों की अवहेलना टीचर पर पड़ी भारी
सभी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित है। बड़ा सवाल ये भी है कि छुट्टी के बावजूद महिला स्कूल में गई। हो सकता है कि स्कूल प्रबंधन ने स्टाफ को बुलाया हो लेकिन शिक्षा विभाग के मुताबिक यह आदेशों की अवहेलना है। किसी भी स्कूल को स्कूल खोलने, छात्रों या फिर स्टाफ को बुलाने की अनुमति नहीं है। परिवार और पड़ोस में यही चर्चा जोरों पर थी कि यदि स्कूल बंद होता तो हरमिन्द्र उस तरफ जाती ही क्यों। 

वर्कशॉप से पश्चिमी यमुना नहर तक भारी समस्या
जगाधरी वर्कशॉप से यमुनानगर जगाधरी स्टेशन के पश्चिमी यमुनानगर नहर तक लम्बे 5 किलोमीटर के एरिया में दिक्कत है। दोनों ओर शहर बसा हुआ है। अक्सर लोग शार्टकट के चक्कर में रेल लाइन का प्रयोग करते हैं। हरमिन्द्र जिस कालोनी में रहती थी यदि वह शार्टकट न लेती तो उसे डेढ़ किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ता। ये दिक्कत इस पूरे एरिया की है। लोगों ने लाइन के साथ लगते नाले पर पोल और अन्य साधनों से रास्ते बना रखे हैं। 

शिव कुमार धीमान, डिप्टी डी.ई.ओ. ने कहा कि शीतकालीन अवकाश है। न तो स्टाफ को बुलाया जा सकता है और न ही छात्रों को। ये आदेशों की अवहेलना है। स्कूल में जाकर जांच करेंगे। यदि आदेशों की अवहेलना हुई है तो एन.ओ.सी. विड्राल हो सकती है। 

डा. छवि, ई.एन.टी. सिविल अस्पताल ने कहा कि कानों में कभी ईयर फोन यानी लीड नहीं लगानी चाहिए। इससे बाहर की आवाज अंदर नहीं जाती। ये हादसों का कारण बनता है। इसी तरह लीड लगाने से नसें कमजोर होती हैं वहीं पर्दा भी प्रभावित होता है। यदि लम्बे समय तक लीड का प्रयोग कर रहे हैं तो कानों पर सुनने की मशीन लगानी पड़ सकती है। 

Edited By

vinod kumar