सड़क के गड्ढे भरने वाली ''Harpath App'' अब खुद ही मिटने की कगार पर, जानें वजह

6/7/2023 3:35:20 PM

कैथल (जयपाल) : हरियाणा में टूटी हुई सड़कों की हालत सुधारने व सड़कों में पड़े गड्ढों को भरने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर 2017 को एक 'हरपथ' मोबाइल ऐप की शुरुआत की थी। सरकार ने गुरुग्राम की एक सरगुण प्राइवेट कम्पनी को इसका टेंडर दिया था जिसमें प्रावधान किया था कि लोगों द्वारा ऐप पर डाली गई शिकायत को कम्पनी 96 घंटों के भीतर सड़क के गड्ढे भरेगी, यदि ऐसा नहीं हुआ तो कम्पनी को एक हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही जो नागरिक टूटी हुई सड़क की फोटो एप पर डालेगा। उसको सरकार की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 100 रुपए की राशि भी दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा अपने 2020 के बजट में भी की थी, जो 1 अप्रैल 2020 से लागू हो गई थी। 


इस समय बंद होने की कगार पर है 'हरपथ ऐप'

बता दें कि इस समय हरपथ एप बंद होने की कगार पर है, क्योंकि जिस कंपनी को इसका टेंडर दिया गया था। सरकार ने 31 अगस्त 2022 को वह टेंडर रद्द कर दिया था इसीलिए अब हरपथ ऐप पर आने वाली शिकायतें एक साल से ऐसे ही लंबित पड़ी है जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सरकार द्वारा की गई घोषणा अनुसार आज तक हरियाणा के किसी भी शख्स को ऐप पर टूटी सड़क के गड्ढों की फोटो डालने को लेकर प्रोत्साहन राशि के रूप में एक रुपया भी नहीं मिला। 



इस कारण रद्द करना पड़ा कम्पनी का टेंडर

विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार विभाग ने जिस प्राइवेट कंपनी को इसका टेंडर दिया हुआ था वह कंपनी अपना काम ठीक ढंग से ना करके ऐप पर फर्जी तरीके से गलत फोटो अपलोड करके गड्ढों को भरा हुआ दिखा कर शिकायत को बंद कर देती थी। इस कारण असल में तो सड़क के गड्ढे भरते ही नहीं थे जिस कारण लोग शिकायत लेकर उनके कार्यालय में आते थे। 


सरकार को लगाया जा रहा था करोड़ों रुपए का चूना


हरियाणा के गुरुग्राम की एक सरगुण प्राईवेट कंपनी को पिछले सात सालों से हरियाणा की सभी सड़कों के गड्ढों को भरने टेंडर मिला हुआ था जिस बीच सरकार द्वारा हर महीने कंपनी को करोड़ों रुपयों का भुगतान किया जाता था। परंतु अब उपरोक्त कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से सड़कों के गड्ढों का वर्क करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा था जिसका खुलासा कैथल जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग ने किया था जिसने सीवन ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों में कंपनी द्वारा सड़क के गड्ढे न भरकर उनको फर्जी वर्क की फोटो अपलोड की गई थी जिस भी विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी को दोषी मानते हुए उस पर 22 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। 

वहीं कैथल के दौरे पर आए हरियाणा के उपमुख्यमंत्री पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले 7 सालों से हम पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़कों को इस ऐप के साथ लिंक नहीं कर पाए जो हमारा सबसे बड़ा फेलियर रहा। परंतु इसके बावजूद भी सरकार ने फेसबुक ट्विटर के माध्यम से मिलने वाली लोगों की समस्याओं को लिया और विभाग द्वारा अपने लेवल पर सड़कों को दुरुस्त करने का काम किया। इस समय ऐप चल रही है, परंतु टूटी हुई सड़कों का डाटा अभी भी हमें जो 24 घंटों में मिलना चाहिए, वह तीन चार दिन में मिल रहा है जिस कारण जिस क्षमता से हमें काम करना चाहिए वो नहीं हो पा रहा है। 


फिलहाल हरियाणा की सड़कों की हालत सुधारने के लिए लांच की गई हरपथ ऐप अब खुद ही बंद होने के कगार पर है। अब देखना होगा कि इस ऐप को चलाने के लिए सरकार द्वारा आगे किसी और एजेंसी को टेंडर दिया जाएगा या फिर सड़कों के गड्ढे भरने के लिए कोई और योजना बनाई जाएगी। 

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Content Writer

Manisha rana