हरविंदर कल्याण बोले- सरकार चट्टान की तरह मजबूत है, पूरे 5 साल तक लोगों की सेवा करती रहेगी

1/24/2021 8:26:45 PM

चंडीगढ़ (धरणी): घरौंडा विधायक हरविंदर कल्याण ने जल्द सेशन बुलाने की मांग करने व सरकार को अल्पमत में बताने वाली कांग्रेस से मैं कहना चाहता हूं कि वह अपने विधायकों और अपनी राजनीति की चिंता करें। जिस तरह से हरियाणा में हर विधानसभा में बराबर विकास कार्य इन 5 सालों में किया गया है। हमारा मुख्य एजेंडा वही रहेगा। विधानसभा सत्र समय-समय पर बुलाया जाता रहता है। कई तरह के प्रस्ताव आते रहते हैं, चर्चा होती रहती हैं। मैं दावा करता हूं कि सरकार पूरे 5 साल तक चलेगी। सरकार के समर्थन में सभी विधायक पूरी तरह से निष्ठावान हैं और सरकार चट्टान की तरह मजबूत है और 5 साल लोगों की सेवा करती रहेगी। 

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के निकाय चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के प्रचार प्रसार में शामिल होने पर कहा कि स्पीकर ने विधानसभा में जिस प्रकार से बदलाव किए, सभी विधायक चाहे वह विपक्ष के ही क्यों ना हों, उन्होंने सभी को मान सम्मान दिया, सभी को बराबर बोलने का वक्त दिया। गुप्ता का पेपरलेस विधानसभा की ओर बड़ा कदम आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। हरियाणा का पंजाब के पास 13 फीसदी हिस्सा लेने के लिए ज्ञान चंद गुप्ता ने कदम उठाया, वह भी एक सराहनीय कदम है और निकाय चुनावों में शामिल होने वाली बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है। 

मेरा मानना है वह स्पीकर के साथ-साथ एक विधायक भी हैं। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और अगर कोई जनप्रतिनिधि जनता के बीच में जाता है तो उसमें गलत नहीं है। इस बारे में विशेषज्ञों ने भी कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष अपने विधानसभा क्षेत्र में अगर गतिविधियां करता है, तो वह किसी भी हिसाब से गलत नहीं कही जा सकती।

हरविंदर कल्याण ने 26 तारीख को घोषित ट्रैक्टर यात्रा पर किसानों से अपील की कि यह देश की मजबूती और गौरव की बात है और किसी भी नागरिक को हद से आगे नहीं बढ़ना चाहिए। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व, हमारा गौरव है। इसलिए इस कार्यक्रम में खलल नहीं डालना चाहिए। अपनी बात करने का कहने का सभी को अधिकार है और सभी की बात सुनी भी जा रही है। इस प्रकार के कार्य करके देश के बारे में एक बुरा संदेश पूरी दुनिया में जा सकता है, जो कि गलत होगा।

इसके साथ कैमला महापंचायत में डाले गए खलल के बारे में कल्याण ने कहा कि यह महापंचायत करीब 2 घंटे चली थी। मुख्य वक्ताओं ने उस में अपनी बात रख दी थी। इस आयोजन में करीब 8 से 10 हजार किसानों ने शिरकत की थी। बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी। मेरा मानना है कि जो लोग धरने पर बैठे हैं, वह भी किसान हैं और इस प्रोग्राम में शामिल लोग भी किसान थे। 20 सालों की कड़ी मशक्कत के बाद यह कानून बन पाए हैं। लेकिन मैं यह भी कहूंगा कि जो लोग इस आंदोलन के जरिए अपनी राजनीति चमका रहे हैं, वह किसी भी तरह से किसान हितैषी नहीं हो सकते।

जब मुख्यमंत्री वहां पहुंचने वाले थे। उससे कुछ पहले ही कुछ लोगों ने वहां तोड़फोड़ की कोशिश की, प्रोग्राम खराब करने की कोशिश की। पूरा समाज उस घटनाक्रम की निंदा करता है। मैं समझता हूं कि सच्चा किसान ऐसा उपद्रव नहीं कर सकता। अपनी बात रखने का, अपने तरीके से विरोध करने का सभी को अधिकार है। लेकिन किसी का प्रोग्राम खराब करना, किसी की आवाज को दबाना यह किसी को इजाजत नहीं है। 

इसकी काफी निंदा भी हो रही है और गुरनाम सिंह चढूनी का वक्तव्य भी आया कि सब कुछ उसके कहने पर किया गया है और बहुत से किसान संगठनों का बयान बाद में आया कि इस तरह की हमारी कोई योजना नहीं थी और पहले भी जिला प्रशासन से यही वायदा किया गया था कि हम किसी भी तरह से इस प्रोग्राम को खराब नहीं करेंगे। लेकिन कुछ लोग अपनी बात कह कर पीछे हटे हैं, राजनीति के चलते उपद्रव करने की कोशिश की गई है, यह बेहद निंदनीय है।

vinod kumar