कृषि कानूनों को लेकर हरविंदर कल्याण ने जोड़े हाथ, किसानों की भलाई के लिए भ्रम न फैलाएं

1/9/2021 4:48:25 PM

चंडीगढ़ (धरणी): चौधरी देवी सिंह रोड जोकि अतीत में हमेशा से विपरीत परिस्थितियों से लड़ने और जूझने वाले शख्स रहे। परिस्थितियां कैसी भी रही उन्होंने कभी सिर नहीं झुकाया। हमेशा समाज के लिए, क्षेत्र के लिए लड़ते रहे और आज उनकी छाप उनके पुत्र घरौंडा विधायक हरविंदर कल्याण पर साफ दिखाई देती है। मुख्यमंत्री से कल्याण की नजदीकियां जगजाहिर हैं। किसान महापंचायत का पहला प्रोग्राम घरौंडा विधानसभा में होना उनकी क्षेत्र के किसानों में पकड़ को भी दर्शाता है। अंबाला में मुख्यमंत्री पर हुए हमले के बाद किसानों से जुड़ा कार्यक्रम करवाना हर विधायक के बूते की बात नहीं थी। किसान आंदोलन आज देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है। 



भ्रांतियों को दूर करने के लिए भाजपा ने रैलियों, जनसभाओं और छोटे-छोटे संवाद प्रोग्रामों की तैयारी की है। लेकिन यह काम बिल्ली के गले में घंटी बांधना जैसा ही मुश्किल था और इसी मुश्किल काम की जिम्मेदारी घरौंडा के विधायक हरविंदर कल्याण ने उठाई। यह एक बहुत बड़ा जोखिम है। इसका आयोजन 10 तारीख को गांव कैमला में किया जाना है। जिसमें मुख्यमंत्री खुद शिरकत करेंगे। इसको लेकर पंजाब केसरी ने कल्याण से विशेष बातचीत की। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न:- रविवार को होने वाली रैली में प्रमुख मुद्दे क्या रहने वाले हैं ?
उत्तर:- घरौंडा का सबसे बड़ा गांव कैमला में 10 तारीख को किसान महापंचायत के नाम से एक कार्यक्रम होगा। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय मनोहर लाल जी शिरकत करेंगे। इस महापंचायत में घरौंडा विधानसभा को करीब 30 करोड की सौगात मुख्यमंत्री शिलान्यास और उद्घाटन के माध्यम से देंगे। इसके साथ ही पूरे देश में सबसे बहुत अहम और गंभीर विषय जो तीन कृषि कानूनों का चला हुआ है उन पर भी विस्तार से चर्चा होगी। वास्तव में यह तीन कृषि कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसान की आय को दोगुना करने का जो सपना है उसे पूरा करने वाले हैं। यह ऐतिहासिक कानून है। लेकिन विपक्ष के द्वारा इन कानूनों के बारे में एक भ्रम की स्थिति फैलाने की कोशिश की गई। जो कि इस प्रकार की जनसभाओं और छोटे-छोटे संवादों से दूर होगी। इस नजरिए से यह महापंचायत बहुत महत्वपूर्ण है।



प्रश्न:- इस किसान महापंचायत को लेकर कुछ लोगों की नाराजगी भी देखने को मिली। इसे किस नजर से देखते हैं?
उत्तर:- यह कानून अचानक नहीं बने लगभग 20 सालों कि लंबी मशक्कत के बाद बन पाए। इन 20 सालों में चाहे अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार रही हो या डॉक्टर मनमोहन सिंह की या फिर पिछले 6 साल से नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं, इन कानूनों के लिए प्रयास निरंतर चलते रहे। अलग-अलग समय पर जिनकी भी सरकार रही, सभी कृषि संगठनों ने, कृषि विशेषज्ञों ने, जितनी भी कमेटी ओर आयोग इस दौरान गठित हुए सभी ने इस दिशा में काम किया है। देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में देश की भलाई के लिए एक-से-एक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। यह कृषि कानून भी किसान की मजबूती में मील का पत्थर साबित होने वाले हैं।

प्रश्न:- इस महापंचायत के लिए घरौंडा विधानसभा और विधायक हरविंदर कल्याण सबसे पहले क्यों चुने गए?
उत्तर:- पार्टी की योजना बनी है कि हम इस विषय को जन-जन तक लेकर जाएंगे। इन कृषि कानूनों के विरोध में लोगों को भ्रमित करने के लिए धरने-प्रदर्शन और आंदोलन चल रहे हैं। विपक्षी दल खास तौर पर कांग्रेस का इसमें अहम रोल है। इन कृषि कानूनों से होने वाले फायदे की सच्चाई लोगों तक पहुंचाने का यह एक अच्छा रास्ता है। जिन कृषि कानूनों के लिए वर्षों तक लोगों ने इंतजार किया, कई सरकारों ने लगातार काम किया, आज विपक्षी दल इन्हें कानूनों के खिलाफ लोगों को बरगला रहे हैं और इनका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में सरकार बनने पर कृषि सुधार कानूनों को आगे बढ़ाने का काम करने का वादा किया था। लेकिन आज यही यू टर्न ले रही है। मैं समझता हूं कि सही को गलत साबित करना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा पाप है।

प्रश्न:- मिशन 2021 में घरौंडा के लिए आपकी क्या सोच है?
उत्तर:- घरौंडा में पिछले 5 वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ। 2020 कोरोना से लड़ते-लड़ते निकल गया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से पहले घरौंडा विधानसभा प्रदेश की पिछड़ी हुई विधानसभा कहलाती थी। 2014 में भारतीय जनता पार्टी की बनी और मनोहर लाल के नेतृत्व में घरौंडा में शानदार काम हुए। पूरे प्रदेश में आज घरौंडा विधानसभा सबसे अग्रणीय विधानसभाओं में से एक है और आने वाले 4 सालों में भी पहले की तरह विकास कार्यों में गति दी जाएगी और बच्चे सारे कार्यों को पूरा करते हुए अन्य योजनाओं पर भी काम किया जाएगा।

प्रश्न:- पिछले 6 सालों में बड़े तीन काम जो आपने यहां करवाए हैं?
उत्तर:- घरौंडा विधानसभा में मेडिकल यूनिवर्सिटी का काम बड़ी तेजी से चला हुआ है। यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इससे न केवल घरौंडा या जिला करनाल, न केवल उत्तरी हरियाणा बल्कि इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भी इसका बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। इसमें 8 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जाने हैं। इसके साथ-साथ हमारे लिए बड़े गौरव की बात है कि भारत की दूसरी एनसीसी अकादमी घरौंडा विधानसभा के अराईपुरा गांव में बनाई जानी है। जिसका कार्य चला हुआ है। इसके साथ-साथ महिला कॉलेज, आई.टी.आई, बहुत सी सड़क़े, पुल, बस अडडा और सड़कों का निर्माण हुआ है। 



रेलवे से जमीन लेकर लगभग 20 गांव का रास्ता हमने घरौंडा शहर से जोड़ने का काम किया है जो कि लगभग 40 साल पुरानी समस्या थी। इसके साथ-साथ रेलवे ओवर ब्रिज, नेशनल हाईवे के प्रोजेक्रटो पर भी कार्य चल रहा है। हमारे यमुना बेल्ट के 35-40 गांव जो छोटे-छोटे कार्यो के लिए तरसते थे आज उनमें पक्की फिरनियां, सड़कें, गलियां है। कम्युनिटी सेंटर और चौपाले बनाई गई हैं और सड़कों का बड़ा मजबूत जाल घरौंडा विधानसभा में बिछाया गया है। 28 के करीब नए पुलों का निर्माण किया गया है। मैं घरौंडा विधानसभा के लोगों की तरफ से मनोहर लाल का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता हूं और उम्मीद करता हूं कि अगले 4 सालों में भी इसी प्रकार से विकास की गंगा बहती रहे।

प्रश्न:- किसान महापंचायत को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है क्या कहेंगे?
उत्तर:- कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। 10 तारीख को बहुत जोर-शोर और ढोल नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल का स्वागत किया जाएगा। किसान महापंचायत का आयोजन होगा। हर आदमी में, 36 बिरादरी के लोगों में इस महापंचायत को लेकर बहुत उत्साह है। खास तौर पर किसान वर्ग बहुत ज्यादा उत्साहित है। यह कार्यक्रम एक आने वाले समय में न केवल दिशा तय करेगा, बल्कि कृषि जगत में जो एक तरक्की का रास्ता इन कानूनों के माध्यम से आने वाला है उनकी भ्रांतियां जो फैलाई जा रही है उसे दूर करने का भी यह काम करेगा।

प्रश्न:- इस कार्यक्रम में किसी प्रकार का विरोध या घेराव ना हो इसके लिए आप क्या अपील करेंगे?
उत्तर:- किसान बहुत ही शांतिप्रिय जीवन बिताने वाला वर्ग हमेशा से रहा है। किसान और मजदूर का जीवन बड़ी कठिनाई पूर्ण और मेहनतकश है। इस प्रकार का काम किसान कभी नहीं करेगा। फिर भी किसान आंदोलन की आड़ में कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करने में लगे हैं तो कम-से-कम मैं उनसे उम्मीद करता हूं कि किसानों की भलाई के लिए इस विषय पर राजनीति न करें। अगर भ्रमित होकर इसमें कोई विरोध या किसी और प्रकार की ऐसी बात करेगा तो यहां क्षेत्र के लोग, गांवों के लोग हम विनम्रता से अपील करेंगे कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जो धरने पर बैठे हैं वह भी हमारे किसान भाई हैं। इस महापंचायत में भी सभी किसान भाई होंगे। हम समाज को बांटने का काम न करें। समाज में जो अच्छापन है उसे बरकरार रखें। वह भी वहां बैठकर अपने बात कर रख रहे हैं। केंद्र सरकार उनकी बात विनम्रता से सुन रही है और जो किसान यहां कृषि कानूनों के पक्ष में बात रखना चाहते हैं उन्हें भी अधिकार है। मैं समझता हूं किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस प्रोग्राम में कोई भी व्यवधान पैदा न करें, ऐसी मेरी अपील है।

vinod kumar