कहीं भविष्य की राजनीतिक संभावनाएं तो नहीं टटोल रहे राज गायक हंसराज हंस

12/28/2016 9:23:47 AM

अंबाला: प्रसिद्ध सूफी गायक व पंजाब के राज गायक हंसराज हंस को दुनिया में कौन नहीं जानता। उनके सूफी गायकी का हर कोई मुरीद है और वे अरसे से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। गायकी के साथ-साथ अब उन्होंने पिछले कुछ समय से राजनीति के मैदान में भी पदार्पण किया है। पहले वे अकाली दल में थे फिर कांग्रेस में चले गए और एकाएक उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में देश के प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए बी.जे.पी. ज्वाइन कर ली। शहर विधायक गोयल व सूफी गायक हंसराज हंस की दोस्ती जगजाहिर है। 

शहर विधायक गोयल व सूफी गायक हंसराज हंस की दोस्ती जगजाहिर है। अक्तूबर में असीम के जन्मदिन के अवसर पर अन्य कलाकारों के साथ-साथ हंस भी अम्बाला आए। ऐसा माना जा रहा है कि बी.जे.पी. ज्वाइन करने की पटकथा लिखने का कार्य शहर विधायक ने तभी प्रारम्भ कर दिया था और पंजाब भाजपा के नेताओं को भी इस सब की भनक तभी लगी, जब उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में बी.जे.पी. ज्वाइन कर ली।

हंसराज हंस एक बार फिर रविवार को अपने असीम मित्र शहर विधायक के यहां आए और उन्होंने शहर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर हुए कई कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से हिस्सा भी लिया। हंसराज हंस का अपने मित्र के यहां आना कोई विचित्र बात तो नहीं है लेकिन क्योंकि वे राजनीति में है और राजनीति सम्भावनाओं का खेल है, ऐसे में अब अम्बाला में सर्द मौसम के बावजूद ऐसी चर्चाएं गर्म हो उठी है कि राज गायक अम्बाला लोकसभा क्षेत्र में अपने लिए भविष्य की राजनीतिक सम्भवाएं तो नहीं टटोल रहे। हो सकता है कि ये चर्चाएं केवल चर्चा भर ही हों लेकिन जिस तरह अम्बाला शहर विधायक असीम गोयल अपने मित्र के पार्टी ज्वाइन करवाने के बाद उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिलवाकर लाए, उससे ऐसी सम्भावना को और अधिक बल मिल रहा है। 

यदि ऐसा होता है तो अम्बाला लोकसभा क्षेत्र में भी अब तक अदल-बदल कर चल रहे सांसदों को भी भविष्य की अपनी रणनीति बदलनी होगी, वही अम्बाला लोकसभा के लोगों को भी उस सूरत में शायद पहली बार कोई सैलिब्रिटी उम्मीदवार मिल जाए और
इस क्षेत्र का भी पिछड़ापन दूर हो जाए।