मांगों को लेकर आशा वर्कर्स ने दिया धरना, रखी ये मांगें

12/20/2016 1:21:32 PM

यमुनानगर: अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुई सैंकड़ों आशा वर्कर्स ने कन्हैया पार्क में धरना दिया। धरने की अध्यक्षता नीरू रानी ने की। इस अवसर पर वर्कर्स ने केंद्र व प्रदेश सरकारों के विरोध में नारेबाजी की। आशा वर्कर यूनियन पदाधिकारी चांदनी देवी, कर्मजीत, रोशनी देवी ने बताया कि आम लोगों को सरकारी स्वास्थ्य विभाग की सुविधाएं ठीक से मिली इसके लिए सबसे पहले वे ही आम जनता तक पहुंचती हैं। आज के महंगाई व नोटबंदी के दौर में आशा वर्कर अपना घर मुश्किल से चला पा रही है। ऐसे में कम मानदेय उनकी मुसीबतें बढ़ा रहा है। वर्तमान सरकार आशा वर्कर्स की मांगें माननी चाहिए। 

 

मांगों के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा न तो पिछली सरकार द्वारा घोषित किए 1000 रुपए की बढ़ौतरी को लागू नहीं किया गया। ऐसी ही अन्य मांगों को पूरा करवाने के लिए अम्बाला सांसद के माध्यम से पी.एम. मोदी को एक ज्ञापन भेजा जाएगा। सांसद की अनुपस्थिति के कारण जिला भाजपा प्रधान महेंद्र खदरी व भाजपा निगरानी कमेटी जगाधरी प्रधान अशोक मेहंदीरत्ता ने मौके पर पहुंचकर उनसे ज्ञापन लिया।

 

आशा वर्कर्स ने रखी यह मांगें
आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के बारे में बताया कि उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को स्थाई किया जाए व पर्याप्त बजट में बढ़ौतरी की जाए। आशा वर्कर्स को स्वास्थ्य विभाग में स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाए। इस दौरान उन्हें 18,000 रुपए का वेतन दिया जाए। पूर्व की सरकार द्वारा घोषित 1000 रुपए का फिक्स वेतनमान दिया जाए। 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करते हुए आशाओं को सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ सहित स्वास्थ्य बीमा एवं इलाज की सुविधाएं दी जाएं। वर्कर्स को मातृत्व अवकाश भी दिया जाए। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में उनके लिए रैस्ट रूम का प्रबंध किया जाए। सभी पी.एच.सी., सी.एच.सी. पर महिला एवं बाल रोग विशेषज्ञ उपलब्ध करवाए जाएं। इसके अलावा वहां पर अल्ट्रासाऊंड की सुविधा होनी चाहिए। आशाओं को वर्ष में 2 बार ड्रैस व साथ में 2 जोड़ी जूते दिए जाएं।