भारतीय संस्कृति की परिचायक है हरियाणा की भूमि : राज्यपाल

12/5/2016 11:22:11 AM

भिवानी (पंकेस): प्रदेश के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि चारों वेदों की रचना हरियाणा में हुई है। हरियाणा की भूमि भारतीय संस्कृति की परिचायक है। यहां भगवान का वास है। हरियाणा विश्व कल्याण के लिए जीवन संदेश की उद्गम भूमि है। सोलंकी हरियाणा शेखावटी ब्रह्मचार्य आश्रम में आयोजित लक्षचंडी महायज्ञ में बतौर मुख्यातिथि अपना संबधन दे रहे थे।

 

 उन्होंने कहा कि एक ही जगह पर लक्षचंडी महायज्ञ, श्रीमद् भागवत गीता और दुर्गा शक्ति के एक साथ एक लाख पाठ का आयोजन होना अपने-आप में अनूठा त्रिवेणी संगम है। उन्होंने कहा कि तीनों आयोजन में एक साथ शामिल होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। यह मन-विचार और कर्म की शुद्धिकरण करने का अवसर है। ऐसे आयोजन में भाग्यशाली व्यक्ति ही शामिल हो पाते हैं। आयोजन में 2100 विद्वान पंडित एक साथ पाठ कर रहे हैं।

 

राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में एक नवंबर को प्रदेश ने अपने गठन के 50 साल पूरे किए हैं, जिसके चलते पूरा साल प्रदेश में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हमारी धरोहर-विरासत को बचाए रखने का संदेश दिया जा रहा है, जो हमारे लिए जरूरी है। 

 

कुरुक्षेत्र में 6 से 10 दिसम्बर तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में 18000 लोग एक साथ आहुति डालेंगे, जिसमें विद्यार्थी भी शामिल होंगे। उन्होंने पर्यावरण शुद्धिकरण व मानव कल्याण के लिए चलाए जा रहे कार्यों को गति देने के लिए 2 लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की। कार्यक्रम में राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।