NHM कर्मियों ने किया रोड जाम, फूंका सरकार का पुतला (Watch Pics)

10/29/2016 12:52:15 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज): साथी कर्मचारियों निलंबन को लेकर एन.एच.एम. के अलावा विभिन्न अन्य विभागों की कर्मचारी यूनियनों ने शुक्रवार को शहर में जलूस निकाला। निलंबन के विरोधास्वरूप सरकार का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में करीब आधे घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने रोड जाम किया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त के माध्यम से सी.एम. को ज्ञापन भेजा। 

 

सरकार द्वारा एन.एच.एम. के कर्मचारी निलंबित करने के विरोध में कर्मचारियों ने नेहरू पार्क से जलूस आरंभ किया। कर्मचारियों का जलूस हांसी गेट, पुराना बस अड्डा होता हुआ महम गेट पहुंचा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

 

सरकार का फूंका पुतला
निलंबित किए जाने व लंबित मांग पूरी न करने के विरोध में एन.एच.एम. व अन्य विभागों के कर्मचारियों ने सरकार का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान मौके पर पुलिस पहुंच गई। किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कर्मचारियों के चहुं ओर पुलिस खड़ी हो गई। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि  सरकार उनकी मांग पूरी करने की बजाय उनको निलंबित कर रही है। सरकार ने उनको निलंबित करके लोकतंत्र का गला घोंटा है। 

 

लगाया जाम, किया प्रदर्शन
मांग पूरी न करने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने चिड़ियाघर मोड़ पर जाम लगा दिया। महिला कर्मचारी सड़क के बीचों-बीच बैठ गई और वाहनों को रोकने लगी। जाम लगते ही चिड़ियाघर मोड़ पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। जाम की सूचना पाते ही मौके पर शहर के अलावा अन्य थानों की पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को जाम खोलने के लिए कहा लेकिन महिला कर्मचारी सड़क पर ही बैठी रही। करीब आधे घंटे तक जाम लगाने के बाद अपनी मर्जी से महिला कर्मचारी उठकर जलूस की शक्ल में सचिवालय पहुंची। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

 

अधिकारियों का किया जाएगा घेराव
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हेाती। तब तक वे फील्ड में जो भी अधिकारी आएगा। उसका उसी जगह पर घेराव किया जाएगा। जब तक उनको बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। तब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।  इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। तत्कालीन सरकारों के कार्यकाल में भी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनरत रहे है,लेकिन उस सरकार ने कभी भी किसी कर्मचारी को इस तरह से प्रताड़ित नहीं किया। पहली बार बी.जे.पी. सरकार ने इस तरह का कदम उठाकर कर्मचारियों को दबाने का प्रयास किया है।