जर्जर हालत में बस शैल्टर, यात्री परेशान

12/24/2016 2:43:11 PM

यमुनानगर (भारद्वाज): परिवहन विभाग द्वारा बनाए गए बस शैल्टर जर्जर हालत में हो गए हैं। यमुनानगर से बिलासपुर, छछरौली, रादौर व बी.के.डी. रोड पर बनाए गए बस शैल्टर या तो सड़क से नीचे पहुंच गए हैं या फिर टूट गए हैं जिसके कारण यात्रियों को बस के लिए प्रतीक्षा करने में परेशानियां आ रही हैं। अधिकतर शैल्टर ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए थे। जहां पर ग्रामीण बैठकर बस का इंतजार करते थे परंतु अब उन्हें बस की प्रतीक्षा के लिए सड़क के किनारों या फिर वहां पर बनी दुकानों के सामने खड़े होकर प्रतीक्षा करनी पड़ती है। 

 

ग्रामीण राम लाल, जिया लाल, रमेश कुमार, सुखविन्द्र, अमरजीत, नरेंद्र, सुखलाल तथा छात्र सोमेश, रिन्कू, सचिन, मोंटी, रितू, रैना, पूजा आदि का कहना है कि बस शैल्टर उपलब्ध न होने के कारण भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। गर्मी हो सर्दी उन्हें सड़कों पर खड़े होकर बस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। ज्यादातर परेशानी बरसात के समय में होती है। जब बारिश आ रही होती है तो उन्हें बचने के लिए ऐसी जगह की तलाश करनी पड़ती है जहां वे बारिश से भी बच सकें और उन्हें बस भी आती दिखाई दे जाए। यदि शैल्टर हो तो वे वहां पर बैठकर बस का इंतजार कर सकते हैं। जहां पर बस शैल्टर बने हुए हैं वहां परिवहन विभाग के चालक बसों को नहीं रोकते। बस को आगे-पीछे खड़ा कर सवारियां उतारते व चढ़ाते हैं और यात्रियों को शैल्टर से निकलकर बस के नजदीक जाना पड़ता है। विकलांग व बुजुर्गों को भी इस कारण भारी परेशानी उठानी पड़ती है। शैल्टर न होने के कारण ज्यादातर परेशानी छात्राओं को होती है। 

 

यात्रियों का कहना था कि शैल्टर न होने की वजह से दुर्घटना होने का भय बना रहता है। क्योंकि सड़क के किनारे बस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। कोई भी वाहन अनियंत्रित होकर जानलेवा साबित हो सकता है। लोगों की मांग है कि प्रत्येक गांव के बस स्टॉप पर बस शैल्टर लगवाए जाएं और उनके लगाए जाने की जगह इस प्रकार सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में यमुनानगर डिपो के महाप्रबंधक रविंद्र पाठक का कहना है कि बस शैल्टर गांव के सरपंच या पंचायत के आग्रह पर लगाए जाते हैं जहां पर बस शैल्टर टूट गए हैं या नहीं हैं तो उस गांव का सरपंच उन्हें जमीन उपलब्ध करवाए वहां पर शैल्टर बनवा दिया जाएगा। हाल में 3-4 गांवों के शैल्टर के लिए कार्रवाई जारी है और इसके लिए फंड भी स्वीकृत हो चुका है।