बच्चे को मरा मान चुके थे परिजन, चाइल्ड हैल्प लाइन ने दी खुशखबरी

11/22/2016 2:37:06 PM

यमुनानगर (त्यागी): चाइल्ड हैल्प लाइन ने सोमवार को एक ऐसे बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने का काम किया जिसको उसके परिजनों ने मरा हुआ मान लिया था। इससे पूर्व परिजनों ने उसे एक माह तक इधर-उधर व अपने रिश्तेदारों के यहां तलाश किया लेकिन जब उसका कोई अता पता नहीं लगा तो तब उसके परिजनों ने उसे मरा हुआ मानकर मन को दिलासा दिया और हार थककर घर बैठ गए। इस संबंध में चाइल्ड हैल्प लाइन की निदेशक डा. अंजू बाजपेयी, को-ऑर्डिनेटर भानू प्रताप व टीम के सदस्य आर.एन. मिश्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस बच्चे सेबन उर्फ रामू को परिजनों को सौंप दिया। जिस समय बच्चे को परिजनों के हवाले किया गया तो उस समय परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना न रहा और खुशी के चलते सभी परिजनों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। 

 

यमुनानगर से जा रहा था सहारनपुर
मामले की जानकारी देते हुए चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर भानू प्रताप ने बताया कि बिलासपुर के नजदीक ब्राह्मण खेड़ा में रहने वाले परिवार का यह बच्चा पिछले 3 माह से गायब था। यह बच्चा जिसकी उम्र लगभग 16 वर्ष है अपने मूल निवास सहारनपुर जा रहा था। जैसे ही रेल में बैठकर यह सहारनपुर जा रहा था तो रास्ते में सरसावा स्टेशन के नजदीक किसी ने इसे पानी पिलाया और उसके बाद इसे कुछ मालूम नहीं कि यह कैसे कोलकाता पहुंच गया। आखिरकार कोलकाता रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस की नजर इस पर पड़ी और उन्होंने इस बच्चे को अपने साथ ले लिया और इससे पूछताछ शुरू की। पूछताछ में असफल रहने के बाद जी.आर.पी. ने इन्हें कोलकाता चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। वहां पर भी जब इससे पूछताछ की गई तो यह कुछ खास बता नहीं सकता। केवल इसने इतना बताया कि वह बिलासपुर के पास रहता है। 

 

कोलकाता से यह जानकारी यमुनानगर चाइल्ड हैल्प लाइन को मिली ओर चाइल्ड हैल्प लाइन के सदस्यों ने बिलासपुर के आस-पास के गांव में इस विषय में जानकारी हासिल करनी चाही लेकिन उन्हें भी कोई जानकारी नहीं मिली। आखिरकार यमुनानगर चाइल्ड हैल्प लाइन ने बच्चे को अपने पास बुलाया और उसे गाड़ी में बिठाकर बिलासपुर क्षेत्र में लेकर गए। जैसे ही बच्चे को बिलासपुर क्षेत्र में ले जाया गया तो उसने सड़क के किनारे जहां उसके परिजन गन्ने की चरखी पर काम करते थे को पहचान लिया और वहां खड़ी अपनी बहन व अन्य परिजनों को पहचाना। इस प्रकार चाइल्ड हैल्प लाइन के सदस्यों ने उनके परिजनों से बात की और फिर उन्हें थाने में बुलाकर उनका बच्चा उनके हवाले किया।