विदेश में मौत के बाद अभी तक नहीं पहुंचा हरियाणवी छोरे का शव, सदमे में परिवार (Pics)

12/4/2016 10:26:58 AM

गुहला-चीका (गोयल): सरकार किसी शव को विदेश से उसके परिवार को अंतिम संस्कार के लिए सौंपे जाने का प्रयास भी न करे तो इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। ये कहना है जार्जिया में लगभग 25 वर्षीय अपने पुत्र को गंवाने वाले बुजुर्ग पिता अंग्रेज सिंह का। 

उन्होंने कहा कि अपने इकलौते पुत्र को परिवार के भरण पोषण के लिए विदेश भेजा था। उन्हें उम्मीद थी कि अपनी बहन की शादी भी धूमधाम से करेगा, लेकिन उनके पुत्र की अचानक जार्जिया में मौत हो गई और शव को लाने के लिए उन्होंने विदेशमंत्री से लेकर जार्जिया में स्थित भारतीय उच्चायुक्त तक अनेक सांसदों और स्थानीय विधायक तक गुहार लगाई है, लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की। 

मृतक के पिता अंग्रेज सिंह ने कहा कि अगर जल्द ही उन्हें उसके पुत्र के शव को भारत लाने की अनुमति नहीं मिली तो वह परिवार सहित मुख्यमंत्री के निवास पर आमरण अनशन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। 

मृतक के पिता ने कहा कि देश के लिए इससे बड़ी शर्म की बात कोई और नहीं हो सकती कि उन्हें अपनी औलाद के अंतिम संस्कार को अपने रीति-रिवाज के साथ करने का मौका भी नहीं मिल रहा। बता दें कि कुछ समय पहले ही गांव रत्ताखेड़ा का शेर सिंह पुत्र अंग्रेज सिंह मेहनत-मजदूरी करने के लिए जार्जिया गया था जहां करीब 3-4 दिन पहले गैस रिसाव के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

घर में रखे अखंड पाठ का भोग पड़ते ही मिली मौत की खबर
अंग्रेज सिंह ने बताया कि शेर सिंह जिसकी उम्र अभी 20 साल थी। वह इस वर्ष ही 14 फरवरी 2016 को रोजी रोटी कमाने के लिए जार्जिया गया था और वह जार्जिया के शहर तपलीसी में अपने कुछ भारतीय दोस्तों के साथ रहता था। 

उन्होंने कहा कि 25 नवम्बर को उनके घर में खुशी में रखे श्री अखंड पाठ का भोग पड़ा ही था कि उनके भतीजे के फोन पर पहले तो किसी ने यह बताया गया कि शेर सिंह की एक बम विस्फोट होने पर मृत्यु हो गई है, परंतु थोड़ी देर बाद दोबारा बताया कि शेर सिंह व अन्य उसके 2 दोस्त रात के समय कमरे में सो रहे थे जिनकी दम घुटने से मृत्यु हो गई है।