दहेज हत्या का मामला: परिजन न्याय न मिलने पर राष्ट्रपति से लगाएंगे इच्छा मृत्यु की गुहार

12/5/2016 3:53:29 PM

गुड़गांव (अशोक): भारतीय सेना से सेवानिवृत हुए सूबेदार वेदराम दहेज हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर गुड़गांव से चंड़ीगढ़ व पंचकूला तक के चक्कर लगा चुका है, लेकिन उसे आज तक भी कोई सफलता नहीं मिली है। यानि कि बेटी के आरोपी सास, ससुर को पुलिस आज तक भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। 

 

वेदराम ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि 15 दिनों के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह परिवार सहित महामहिम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेगा। गांव डेरा फतेहपुर दिल्ली के रिटायर्ड सूबेदार वेदराम ने रविवार को अधिवक्ता दुर्गेश बोकन के कार्यालय में आयोजित की गई प्रेसवार्ता में अपनी उक्त पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा है कि देश व प्रदेश में पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का दावा करने वाली सरकार को उनका पुलिस विभाग ही दावों को पलीता लगा रहा है। 

 

उन्होंने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी पुत्री ममता की शादी वर्ष 2014 की 2 मई को बादशाहपुर थाना क्षेत्र के गांव कादरपुर के अतुल के साथ की थी और अपनी हैसियत के अनुसार दान-दहेज दिया था, लेकिन लड़की का पति व उसके सास-ससुर दिए गए दान-दहेज से खुश नहीं थे। वे 5 लाख रुपए नकद व फॉर्च्यूनर गाड़ी की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर उसकी पुत्री के साथ समय-समय पर मारपीट भी की जाती थी। पुत्री के यहां पुत्र का जन्म हुआ था। तब भी उन्होंने काफी कुछ दिया था, लेकिन ससुराल वालों को इससे संतोष नहीं हुआ। इसी वर्ष 12 अक्तूवर को उसकी पुत्री का देर सायं फोन आया कि उसके साथ मारपीट की जा रही है तो वह अपने परिवार के साथ बादशाहपुर आया तो उसकी पुत्री उसे मृत अवस्था में मिली। ससुराल वालों ने बताया कि उसने फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली है।

 

पीड़ित का कहना है कि उसकी पुत्री आत्महत्या नहीं कर सकती। वह एक अच्छी खिलाड़ी रही है और उसमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं थी। उसने पुलिस से आग्रह किया था कि उसकी पुत्री की उसके पति अतुल, ससुर फिरेपाल व सास वेदवती ने चुन्नी से गला घोंटकर उसकी हत्या की है। पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने केवल अतुल को गिरफ्तार किया। अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। वह पुलिस के उच्चाधिकारियों से चंड़ीगढ़ व पंचकूला भी मिला और उनसे गुहार लगाई कि बादशाहपुर थाना से उसे न्याय नहीं मिल सकता। इसलिए इस मामले को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। 

 

उच्चाधिकारियों ने इस मामले को गुड़गांव स्थित महिला पुलिस थाना को स्थानांतरित कर दिया, लेकिन यहां पर भी पुलिस की कार्यशैली संदिग्ध है। संबंधित अधिकारी मामले की सही से जांच नहीं कर रहे हैं। कई बार अधिकारियों से मिल भी चुके हैं, लेकिन अधिकारी आरोपियों का पक्ष लेते हुए ही दिखाई दे रहे हैं। पीड़ित ने कहा है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो 15 दिन बाद वह परिवार सहित महामहिम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाएगा। पीड़ित के साथ मृतका की मां व अन्य परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने भी न्याय न मिलने की बात कही।