पानी देने से इंकार पर भड़की HSGPC, पंजाब में लागू हो राष्ट्रपति शासन

11/11/2016 4:06:49 PM

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय): एस.वाई.एल. के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद जहां एक तरफ पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। वहीं, अब इसे लेकर सियासत के साथ-साथ दोनों राज्यों के राजनेताओं में ब्यानबाजी भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब के सीएम व डिप्टी सीएम की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्र से पंजाब में शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। 

 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए एच.एस.जी.पी.सी. के महासचिव सरदार जोगा सिंह ने कहा कि यह मामला काफी समय से लटका हुआ था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के किसानों को उनका हक मिलेगा। उनके अनुसार पंजाब के नेता हर बार केवल चुनाव के समय ही इस मुद्दे को उठाकर लोगों की वोट बटोरते थे।
 

एच.एस.जी.पी.सी. के महासचिव ने कहा कि पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल सुप्रीम कोर्ट का फैसला न मानकर कानून को नहीं मान रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होता है। सीएम होकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न मानना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जोगा सिंह ने बादल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह गलत बयानबाजी कर भाई को भाई का हत्यारा बनाने का काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने पंजाब की जनता को उनकी बातों में न आने की भी अपील की है। एस.वाई.एल. मामले में पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए खास सत्र को लेकर जोगा सिंह ने कहा कि इस सेशन से कुछ नहीं होगा। बादल भड़काऊ बातें कर जनता को मरवाने का काम कर रहे है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना चाहिए। 

 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एस.वाई.एल. पर हरियाणा के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद एच.एस.जी.पी.सी. के महासचिव सरदार जोगा सिंह ने उम्मीद जताई है कि इसी प्रकार से सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनकी कमेटी के ही पक्ष में आएगा। उनकी माने तो हरियाणा-पंजाब के अलग होने के बाद वहां के पानी पर भी हरियाणा का हक है, लेकिन वहां के लोग इसे लेकर वोट की राजनीति करते हैं। परंतु इस बार के चुनाव में बादल बुरी तरह से हार का मुंह देखेंगे।

 

जोगा सिंह की मानें तो बादल अब खुद को देश का मालिक समझ रहा है। इस प्रकार से काम कर वह कोर्ट की तोहीन कर रहा है। इसलिए उसे अंदर कर देना चाहिए। इतना ही नहीं केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भी चाहिए वह पंजाब में शांति बनाए रखने के लिए वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू कर दें।