बारात निकलने से पहले ही दूल्हे को झटका, जानिए वजह

12/15/2016 11:57:03 AM

हिसार: गांव राजली में एक परिवार को कम उम्र में लड़के को दूल्हा बनाना उस समय महंगा पड़ गया जब बाल विवाह निषेध अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर शादी के कार्यक्रम को रुकवा दिया। 

 

मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस करीब एक बजे राजली में रामफल सिंह के बेटे सतेंद्र सिंह की शादी की रस्में पूरी हो गई थी। गांव से बारात रवाना हो चुकी थी। महिलाएं भी शादी के गीत गाते हुए दूल्हा बने सतेंद्र सिंह को गाड़ी में बिठाने के बाद वापस घर जाकर कुछ घंटों बाद दुल्हन आने का इंतजार कर रही थी। इस दौरान वहां पर बरवाला पुलिस मौके पर पहुंच गई और बारात की सभी गाड़ियों को रास्ते में ही रुकवा लिया। गांव के लोग माजरा समझ पाते उससे पहले ही बाल विवाह निषेध अधिकारी बबीता सिंह अपने सहायक सचिन मेहता, लेडिज कांस्टेबल सुनीता के साथ वहां पर पहुंच गई। 

 

बाल विवाह निषेध अधिकारी बबीता सिंह ने गांव के सरपंच और अन्य मौजिज व्यक्तियों को वहां पर बुला लिया। बाल विवाह निषेध अधिकारी ने परिजनों से दूल्हा बने सतेंद्र सिंह की उम्र बारे प्रमाण मांगा लेकिन परिजन 21 साल उम्र का प्रमाण नहीं दे पाए। यह न मिलने पर बाल विवाह निषेध अधिकारी ने सतेंद्र सिंह का विवाह रोकने बारे आदेश दिए, साथ ही परिजनों से लिखित में शपथ पत्र लिया कि वे 21 साल की उम्र होने तक शादी नहीं करेंगे। यह शपथ मिलने के बाद ही अधिकारी वहां से रवाना हुए। 

 

बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय के सहायक सचिन मेहता ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि राजली गांव में बी.ए. द्वितीय वर्ष के छात्र सतेेंद्र नामक युवक की उम्र में शादी की जा रही है। दूल्हा बने सतेंद्र सिंह नरवाना के लिए बारात लेकर रवाना हो रहा है। इस सूचना के बाद बरवाला पुलिस को मामले की जानकारी दी, साथ ही प्रशासन से शादी रुकवाने बारे अनुमति ली गई। उन्होंने बताया कि जब बाल विवाह निषेध अधिकारी गांव पहुंची तो उस समय बारात घर से रवाना हो चुकी थी। बारात को रास्ते में रोका गया और वापस घर लाया गया। उन्होंने बताया कि दुल्हन की उम्र सही बताई गई जबकि दूल्हा बने लड़के की उम्र साढ़े 18 वर्ष थी। उन्होंने बताया कि परिवारवालों ने एक दिन बाद यानी वीरवार को लड़की की शादी है उसके कार्ड जरूर गांव में बांटे गए लेकिन लड़के की उम्र कम होने के कारण शादी के कार्ड नहीं बांटे गए थे।