तड़पता रहा मरीज, फोन करने पर भी नहीं मिली एम्बुलैंस

11/18/2016 1:33:51 PM

करनाल (नरवाल): प्रदेश सरकार एक तरफ जहां लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अस्पतालों के साथ-साथ मैडीकल कॉलेजों में बेहतर सुविधाएं देने के दम भरती है। यही नहीं मरीजों के लिए अनेक प्रकार के इलाज के लिए अस्पतालों में सेवाएं नि:शुल्क दी जा रही हैं लेकिन इसकी दूसरी तरफ आज भी इन सुविधाओं का लाभ सही ढंग से मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब एक मरीज को इलाज के लिए रैफर किया गया था लेकिन उसे सरकारी एम्बुलैंस की सेवा नहीं मिल पाई। 

 

जानकारी के अनुसार इंद्री के गांव जोहड़ माजरा निवासी राजेंद्र(50) डायलिसिस पर है। वीरवार को अचानक राजेंद्र की हालत ज्यादा खराब हो गई। जिसे कल्पना चावला मैडीकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया था। उपचार के बाद मरीज की हालत नाजुक देखते हुए उसे चिकित्सकों ने खानपुर पी.जी.आई. में रैफर करने के लिए कहा लेकिन इसी बीच जब मरीज के परिजनों ने सरकारी सेवा के लिए स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर-102 पर एम्बुलैंस सेवा के लिए फोन किया गया तो वहां से जवाब मिला कि एंबुलैंस अभी नहीं है। वह प्राइवेट एम्बुलैंस का इंतजाम कर लें। ऐसे में मरीज के परिजनों के पास प्राइवेट एम्बुलैंस के लिए पैसे नहीं थे। जिस कारण काफी देर तक डायलिसिस ग्रस्त राजेंद्र तड़पता रहा। काफी इंतजार के बाद इधर-उधर से पैसों का इंतजाम कर मरीज के परिजन उसे निजी एम्बुलैंस से खानपुर पी.जी.आई. लेकर गए लेकिन उन्हें सरकारी एम्बुलैंस की सेवा नहीं मिल पाई। 

 

ऐसे में कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अभी भी संबंधित विभाग मरीजों के इलाज के लिए गंभीर नहीं है। मरीज को एम्बुलैंस सेवा नहीं मिलना सरकारी अस्पताल प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह है। इस बारे में जब एम्बुलैंस विभाग के मैनेजर गोपाल शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 19 एम्बुलैंस हैं। जिनमें से 2 एम्बुलैंस घरौंडा में इजराइल के राष्ट्रपति के कार्यक्रम के लिए भेजी हुई थी। बाकी 17 एम्बुलैंस अन्य मरीजों को लेकर गई हुई थी।