राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की आड़ में मजदूरों से हो रहा खिलवाड़

12/26/2016 1:02:23 PM

कलायत (कुलदीप): राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की आड़ में गरीब तबके के लोगों का शोषण करने का मामला प्रकाश में आया है। इस संवदेनशील मामले ने रविवार को उस समय रंग पकड़ लिया जब श्रम करने के बाद भी मेहनताना न मिलने से परेशान मजदूरों ने खेड़ी लांबा गांव में विरोध प्रदर्शन किया। 

 

सरबती, कमलेश, ईश्वर, चंद्रपति, संतरो, भतेरी, जिले सिंह और दूसरे प्रभावितों ने कहा कि पिछले करीब 7 माह से उन्हें मेहनताना नहीं मिला है। जब भी वे दिहाड़ी की मांग करते हैं तो राष्ट्रीय रोजगार योजना से जुड़े अधिकारी उन्हें काम से हटाने की धमकी देते हैं। इन परिस्थितियों में वे उधारी मांग-मांग कर कर घर का चूल्हा जला रहे हैं। कड़ाके की सर्दी में बच्चों के पास न गर्म वस्त्र हैं और न मौसम की मार से बचने का कोई अन्य विकल्प। वे जाएं तो जाएं कहां? अपने दर्द भरी दास्तान बयां करते हुए कई महिलाएं मौका स्थल पर ही फफक पर रोने लगी। बिलखते हुए महिलाओं ने जिला उपायुक्त संजय जून से न्याय की गुहार लगाई। 

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों को सहारा देने के लिए योजना को क्रियान्वित किया था। संबंधित वर्ग को प्रभावी तौर से इसका लाभ मिले? इसके लिए संबंधित अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश पारित हैं। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी लोगों को केवल स्वयं के बच्चों की पड़ी है। बेशक गरीब के बच्चे को रोटी, कपड़ा और मकान कुछ न मिले। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रहित के लिए वे कार्य का बहिष्कार नहीं करेंगे। भले ही उन्हें मेहनताना न मिले। बावजूद इसके वे श्रम का पसीना बहाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कई माह के लंबे समय अंतराल के बीच वे माइनर, तालाब, श्मशान भूमि और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर काम कर रहे हैं। क्षमता से ज्यादा कार्य करवाया जाता है। महिलाओं की दयनीय स्थिति पर भी अधिकारियों को तरस नहीं आ रहा। इस प्रकार के माहौल से जाहिर है कि लापरवाही अधिकारियों को केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से सरोकार नहीं है। 

 

बी.डी.पी.ओ. कार्यालय के घेराव का ऐलान 
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना से संबंधित मजदूरों का कहना है कि वास्तु स्थिति से शासन-प्रशासन को अवगत करवाने के लिए बी.डी.पी.ओ. कार्यालय और योजना से जुड़े अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। इसके लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि समय रहते उन्हें हक नहीं मिला तो कड़ाके की सर्दी के बीच कार्य को जारी करते हुए वे आंदोलन को गतिमान करेंगे।

 

बजट नहीं आया
ए.बी.पी.ओ. नीलम देवी ने कहा कि मजदूरों द्वारा की गए कार्यों का पूरा विवरण प्रक्रिया अनुसार मुख्यालय को भेजा जा चुका है। बजट जारी होते ही मजदूरों की राशि का भुगतान किया जाएगा।