यूनिट प्रधान निलम्बित मामला- कर्मचारियों ने गेट मीटिंग कर SDO के खिलाफ की नारेबाजी

12/29/2016 1:01:08 PM

पिपली (सुकरम): सब-डिवीजन पिपली के एस.डी.ओ. की शिकायत के आधार पर सब-यूनिट पिपली के प्रधान रविंद्र सिंह को निलम्बित करने का मामला तूल पकडऩे लगा है। निलम्बित कर्मचारी के पक्ष में जिलेभर के  कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। बुधवार को कर्मचारियों ने हरियाणा स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन के राज्य उपप्रधान बलवंत सिंह, यूनिट प्रधान कृष्ण चौहान व सब-यूनिट प्रधान रविंद्र सिंह के नेतृत्व में मौजूद कर्मचारियों ने एस.डी.ओ. की तानाशाही कार्यशैली के खिलाफ नारेबाजी की। 
यूनियन नेताओं का आरोप था कि एस.डी.ओ. द्वारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए उपभोक्ता क्लर्क के कार्यालय पर ताला जड़ने का आरोप निलम्बित किए सब-यूनिट प्रधान रविंद्र सैनी पर लगाकर कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है। 

 

उन्होंने कहा कि करीब 28 दिनों से उपभोक्ता क्लर्क के कार्यालय का ताला लगा है। यदि कमरा यूनिट प्रधान ने बंद किया था तो यूनियन की चेतावनी के बाद कमरे को खुलवाकर क्लर्क की व्यवस्था क्यों नहीं करवाई जो एस.डी.ओ. की कार्यशैली को सवालों के घेरे में ला रहा है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते निलम्बित किए सब-यूनिट प्रधान रविंद्र सैनी के आदेशों को वापस नहीं लिया और एस.डी.ओ. के खिलाफ कर्मचारी को जातिसूचक शब्द कहने के मामले में कार्रवाई नहीं की तो जिलेभर के कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल कर सब-डिवीजंस में तालाबंदी करेंगे जिसकी जिम्मेदारी बिजली निगम के उच्चाधिकारियों की होगी। उन्होंने कहा कि यूनियन द्वारा मामले की जानकारी एस.डी.ओ. के खिलाफ विभाग के उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। उच्चाधिकारियों को मामले पर तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेकर एस.डी.ओ. के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

 

षड्यंत्र रच रहे कर्मचारी : एस.डी.ओ.
सोमवीर का कहना है कि उन पर कर्मचारी को जातिसूचक कहने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो निराधार हैं। कर्मचारियों द्वारा जान-बूझकर अपने बचाव के लिए ये षड्यंत्र रचा जा रहा है। कार्यालय में खाली कुर्सी होने पर उन्होंने कहा कि वे छुट्टी के दिन भी सरकार व विभाग के आदेशानुसार गांवों में खुले दरबार लगाकर ब्याजमाफी योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित कर रहे हैं। यूनियन द्वारा उपभोक्ता क्लर्क के कार्यालय के बंद रहने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उस कार्यालय के लिए उन्होंने कई बार क्लर्क नियुक्त करने का प्रयास किया लेकिन यूनियन नेताओं ने कार्यालय में उनके आदेश पर क्लर्क रखने पर मना कर दिया। ऐसे में सारे मामले बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। आगामी कार्रवाई करना उच्चाधिकारियों के अधिकार क्षेत्र का मामला है।