मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाकर आमदनी बढ़ाएं किसान: नायब

12/5/2016 10:39:07 AM

शहजादपुर (राजेश): श्रम एवं रोजगार व खान एवं भू-विज्ञान विभाग के राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसान कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का सहारा लेकर अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ मृदा (भूमि) के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों, कीटनाशक दवाइयों के अधिक प्रयोग व फसलों के अवशेष जलाने से मृदा की उपजाऊ शक्ति प्रभावित होती है। खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मृदा (भूमि) का विशेष महत्व है। अधिकतम फसल उत्पादकता और टिकाऊ कृषि वृद्धि के लिए इस ओर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने कहा कि कृषि विकास अधिकारी किसानों को इस बारे में जागरूक करें। 

 

राज्य मंत्री सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाएं और उसका उपयोग कर आमदनी बढ़ाएं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोषक तत्वों के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है। मृदा परीक्षण के आधार पर मुख्य, द्वितीय एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें। एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को बढ़ावा देने से रासायनिक उर्वरकों की खपत कम हो जाएगी।


 
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) द्वारा 5 दिसम्बर 2014 को प्रथम विश्व मृदा दिवस मनाया गया। प्रथम विश्व मृदा दिवस की संध्या पर यू.एन.एफ.ए.ओ. ने ग्लोबल सोइल पार्टनरशिप (जी.एस.पी.) के साथ वर्ष 2015 को यू.एन. अंतर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष घोषित किया।

 

इस दिन आयोजित कार्यक्रम में मिट्टी को प्राकृतिक प्रणाली के एक महत्वपूर्ण घटक और मानव जीवन हेतु भोजन, पानी और ऊर्जा सुरक्षा के योगदान के रूप में दर्शाया गया। यह दिवस मिट्टी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महत्वपूर्ण संसाधन के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने लिए मनाया जाता है।