हाईकोर्ट से रामपाल को झटका, नहीं मिली जमानत (Video)

11/23/2016 10:37:58 AM

चंडीगढ़ (सत्ती): सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल को अपनी मां की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए जेल से बाहर आने की मंजूरी नहीं मिली। हाईकोर्ट के जस्टिस एम. जियापॉल व जस्टिस दर्शन सिंह ने उसकी अर्जी खारिज कर दी।

अर्जी खारिज होने का मुख्य आधार डी.जी.पी. डा. के.पी. सिंह की रिपोर्ट रही, जिसमें उन्होंने कहा कि माहौल खराब है, लिहाजा रामपाल को अंतरिम जमानत देना गलत होगा। रामपाल की मां इंदो देवी की मौत 9 नवम्बर को हो गई थी। उनकी आत्मिक शांति के लिए रखे अखंड पाठ का भोग बुधवार 23 नवम्बर को जिमखाना क्लब सोनीपत में है।

वैसे रामपाल ने 21 से 23 नवम्बर तक अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने केवल अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए इजाजत देने पर विचार किया। इस अर्जी की बहस के दौरान सरकारी वकील ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि रामपाल को बड़ी मुश्किल से गिरफ्तार किया जा सका था और अब यदि वह जमानत पर जेल से बाहर आता है तो उसके भाग जाने की आशंका है। 

दलील दी थी कि उसके हजारों समर्थक सोनीपत में एकत्र हो चुके हैं और आशंका है कि पहले की भांति रामपाल महिलाओं व बच्चों को ढाल बनाकर भाग सकता है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के डी.जी.पी. को तलब किया था और डी.जी.पी. ने निजी तौर पर पेश होकर बैंच को बताया कि हालात ऐसे हैं कि वह खुली अदालत में इनका व्याख्यान नहीं कर सकते। डी.जी.पी. ने बैंच को चैंबर में जाकर पूरी स्थिति से अवगत करवाया। इससे पहले बैंच ने रामपाल के वकील से यहां तक पूछ लिया था कि जब पुलिस पहले में अंतिम संस्कार में शामिल होने की पेशकश की गई थी तो रामपाल क्यों नहीं गया।

रामपाल के वकील सीनियर एडवोकेट डाक्टर अनमोल रत्न सिंह सिद्धू ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसकी मां की अंतिम अरदास में शामिल होने की इजाजत देने का विरोध करना कहां का न्याय है। सरकारी वकील ने यह दलील दी थी कि न्यायपालिका में भावनात्मक दलीलों के लिए कोई जगह नहीं है। दोनों की दलीलें सुनने और डी.जी.पी. की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद देर शाम बैंच ने रामपाल की जमानत की अर्जी खारिज कर दी।