युवा कांग्रेस चुनाव परिणाम को क्लीन चिट

12/8/2016 8:24:53 AM

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा युवा कांग्रेस के चुनाव परिणामों पर लगाई गई रोक अब हट गई है। पूर्व वित्त मंत्री कै. अजय यादव के पुत्र राव चिरंजीव ने पार्टी नेतृत्व में शिकायत भी की थी। उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नेतृत्व ने नतीजों को एक दिन के लिए होल्ड भी रखा लेकिन बाद में क्लीनचिट मिल गई। यानी अब पानीपत के रहने वाले सचिन कुंडू के हाथों में हरियाणा युवा कांग्रेस की कमान रहेगी। पार्टी नेतृत्व ने चुनावों को सही ठहराते हुए चुने हुए पदाधिकारियों की ट्रेनिंग करवाने का फैसला किया है। 

इन चुनावों पर कांग्रेस की नहीं, बल्कि अन्य दलों की नजरें लगी हुई थी, क्योंकि कहने को तो यह युवा कांग्रेस का चुनाव था लेकिन अंदरखाते वरिष्ठ कांग्रेसियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी, जिसके चलते प्रत्याशियों की हार-जीत को वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। इन चुनावों में अपने विरोधियों की तमाम कोशिशों के बावजूद हुड्डा खेमा हावी रहा है। रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मोर्चा संभाला हुआ था और वे प्रदेशाध्यक्ष सहित पूरे संगठन में सबसे अधिक अपनी पसंद के पदाधिकारी बनवाने में सफल रहे हैं। एंटी हुड्डा खेमे के अशोक तंवर, किरण चौधरी, कै. अजय सिंह यादव, कुलदीप बिश्नोई सहित कई नेताओं को अपने ही गढ़ में शिकस्त मिली है। 

बेशक पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले सोनीपत जिला में हुड्डा खेमा को भी शिकस्त खानी पड़ी है। युवा कांग्रेस के इन चुनावों में सबसे अधिक पदाधिकारी हुड्डा खेमे के ही जीते हैं।  सचिन कुंडू के मुकाबले चिरंजीव राव व सोनीपत के अनंत दहिया चुनाव लड़ रहे थे। कुंडू ने 25 हजार 86 वोट हासिल करके राव चिरंजीव को 10 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से हराया। हालांकि चिरंजीव राव प्रदेश उपाध्यक्ष बनने में सफल रहे हैं। अनंत दहिया भी लगातार चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इस बार उन्हें 8475 मत हासिल हुए और वे प्रदेश उपाध्यक्ष बनने में कामयाब रहे। अनुसूचित जाति कोटे से 1722 मतों के साथ दिवेश कुमार तथा महिला कोटे से खुशबू मंगला 1313 मतों के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष बनी हैं। दिवेश कुमार को भी दीपेंद्र का समर्थन था और वे कांग्रेस विधायक उदयभान के बेटे हैं। 

इसी तरह से खुशबू मंगला की गिनती भी दीपेंद्र के कोटे से ही हो रही है। युवा कांग्रेस के कुल 6 प्रदेश महासचिव चुने गए हैं। इसमें पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह के बेटे अक्षत राव भी शामिल हैं। उन्हें 9270 वोट हासिल हुए। इसी तरह से 3405 वोटों के साथ धीरज सिंह तथा 2415 मतों के साथ कृष्ण कुमार भी महासचिव बनने में सफल रहे। अल्पसंख्यक कोटे से गुरप्रीत सिंह 2039, अनुसूचित जाति कोटे से सुरेंद्र उप्पली 817 वोट लेकर और अनुसूचित जाति महिला कोटे से बीबो रानी इंदौरा प्रदेश 
महासचिव बनने में कामयाब रहीं।