‘हरियाणा भाजपा के पास टिकटों को लेकर शिअद का कोई प्रस्ताव नहीं’

6/21/2019 9:20:21 AM

ब्यूरो : भाजपा प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 75 का टारगेट हासिल करने में जुटी है तो शिरोमणि अकाली दल 15 सीटें मांगने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार शिअद की हरियाणा इकाई ने भाजपा आलाकमान से टिकटों को लेकर बैठक करने बारे आग्रह किया है। शिअद चाहता है कि भाजपा उसे सिख प्रभावी 15 सीटें दे। चर्चाएं तो ये भी हैं कि शिअद पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी भाजपा से गठबंधन करना चाहता है। इसी नीति तहत उसने लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया। 

शिअद द्वारा टिकटें मांगने की चर्चा मीडिया में ही : घणघस
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आर.डी.घणघस का कहना है कि पार्टी लाइन पर इस बारे में कोई मुद्दा नहीं आया है। अभी शिअद द्वारा टिकटें मांगने की चर्चा मीडिया में ही चल रही हैं। भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन दिया था। भाजपा का शिअद से कोई गठबंधन नहीं था। हरियाणा की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने ही चुनाव लड़ा था। अब चर्चा है कि शिअद ने भाजपा आलाकमान पर चुनावी गठबंधन का दबाव बनाना शुरू कर दिया है परन्तु अभी प्रदेश नेतृत्व के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। 

हरियाणा में शिरोमणि अकाली दल का चुनाव में भाजपा को यह पहला समर्थन था। इससे पहले चुनावों में शिअद ने इनैलो के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। 2009 के विधानसभा चुनाव में सिरसा जिले की कालांवाली सीट से शिरोमणि अकाली दल के चरणजीत रोड़ी विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2009 के चुनाव में इसी क्षेत्र से शिअद के बलकार सिंह विधायक हैं लेकिन एस.वाई.एल. मुद्दे पर इनैलो ने शिअद से अपना पुराना राजनीतिक नाता तोड़ लिया था।

राजनीतिक नाता तोडऩे का ऐलान अभय सिंह चौटाला ने किया था। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में शिअद ने भाजपा को समर्थन दिया। अभी तक दोनों पक्षों की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि भाजपा को समर्थन देने के लिए शिअद ने कोई मांग भी की थी या नहीं लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया के सामने यह कहा था कि शिअद बिना शर्त भाजपा को समर्थन दे रहा है। लोकसभा में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद शिअद ने गठबंधन और सीटों की मांग करनी शुरू की है। अभी तक पहली नजर में यही दिख रहा है कि भाजपा आलाकमान शिअद का इस तरह का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेगी। 

हरियाणा में भाजपा का शिअद को न कहने का पंजाब पर पड़ सकता है असर
भाजपा के सूत्र कहते हैं कि फिर भी किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने का अधिकार मुख्यमंत्री और पार्टी प्रधान को है। इनैलो ने एस.वाई.एल. नहर के मुद्दे पर शिअद से नाता तोड़ा था तो भाजपा को यह भी भय है कि अगर शिअद से गठबंधन करते हैं तो एस.वाई.एल. पर उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। अब यहां सवाल यह भी आता है कि अगर भाजपा विधानसभा चुनाव में शिअद को टिकट देने के प्रस्ताव को नकारती है तो क्या पंजाब में इसका कोई प्रभाव पड़ेगा? इस बारे हरियाणा भाजपा चुप्पी साधे हुए है लेकिन चर्चाकारों का कहना है कि हरियाणा के इंकार का पंजाब के गठबंधन पर कमोबेशी असर जरूर पड़ेगा। चर्चाकार यह भी बताते हैं कि पंजाब में भाजपा अंदरखाने अपने स्तर पर पार्टी के आधार का विस्तार करने में लगी हुई है।  

Naveen Dalal