टिकट कटने के डर से घबराए हरियाणा भाजपा के नेता

1/4/2019 10:23:02 AM

अम्बाला(मीनू): हरियाणा के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव आगामी मई में लोकसभा चुनावों के साथ होंगे। नगर निगम चुनावों में 5 जिलों की जीत से उत्साहित सत्तासीन भाजपा आगामी चुनावों के लिए भावी रणनीति बनाने में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार आगामी फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय में बड़े फेरबदल होने की प्रबल संभावना है ताकि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनावों में भी पार्टी प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन कर सके। हालांकि हाल ही में देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों में मिली हार से प्रदेश भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा हाईकमान हरियाणा में अपनी सत्ता पर काबिज रहना चाहता है। इसके लिए राजस्थान का टिकट आबंटन फार्मूला अपनाया जा सकता है।

नए वजनदार चेहरों की तलाश
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए भाजपा हाईकमान राजस्थान के फार्मूले को हरियाणा में लागू करने जा रहा है। मौजूदा विधायकों के खिलाफ जनता में नाराजगी को खत्म करने के लिए भाजपा हाईकमान हरियाणा में 7 में से 5 सांसदों और 47 में से 2 दर्जन विधायकों की जगह नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने का मन बना चुका है।

हाईकमान के इसी बड़े फैसले के कारण हरियाणा के भाजपाई नेताओं में बेचैनी और डर फैला हुआ है। इसमें हरियाणा में भाजपा के 10 में से 7 सांसद हैं। 7 सांसदों में से दोनों केंद्रीय मंत्रियों फरीदाबाद से कृष्ण पाल गुर्जर व गुडग़ांव से राव इंद्रजीत के टिकट फाइनल माने जा रहे हैं। बाकी 5 सासंदों की जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा। भिवानी महेन्द्रगढ़ के सांसद धर्मवीर सिंह आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे से पहले ही इंकार कर चुके हैं। इस कारण इस सीट पर नए वजनदार चेहरों की तलाश भाजपा हाईकमान कर रहा है। सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक भी आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं। इस बारे में वह संकेत भी दे चुके हैं। उनकी जगह  भी भाजपा हाईकमान दूसरे ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रहा है। कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी पार्टी से बगावत करने के बाद अपनी नई पार्टी का गठन कर चुके हैं। भाजपा हाईकमान उनकी जगह भी जिताऊ चेहरे को खोज रहा है।

अम्बाला के सांसद रतन लाल कटारिया खराब सेहत और बढ़ती उम्र के कारण आगामी चुनाव में पार्टी के टिकट हासिल नहीं कर पाएंगे। भाजपा हाईकमान उनके विकल्प दूसरे नेताओं पर निगाह डाल रहा है। करनाल के सांसद अश्विनी चोपड़ा को लेकर भी भाजपा हाईकमान संतुष्ट नहीं है। अश्विनी चोपड़ा को राज्यसभा में भेजकर करनाल सीट पर किसी नए पंजाबी चेहरे के लिए भाजपा हाईकमान गंभीरतापूर्वक सर्वे करवा रहा है। हिसार और सिरसा की सीटें पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गठबंधन सहयोगी हलके के लिए छोड़ी थीं। आगामी लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर भी दमदार प्रत्याशी तलाश करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। रोहतक लोकसभा सीट पर पिछली बार मोदी की आंधी के बावजूद भाजपा को सफलता नहीं मिली थी। पूर्व सी.एम. भूपेन्द्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को शिकस्त देने के लिए भाजपा किसी गैर-जाट दमदार नेता को टिकट थमाने का काम कर सकती है।

विधानसभा चुनावों के लिए भी बन रही नीति
भाजपा लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी भी कर रही है।  भाजपा के आंतरिक सर्वे में 2 दर्जन से अधिक विधायकों के खिलाफ जनता में नकारात्मक रुझान पाया गया है। इन सभी विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव में उतारने के लिए भाजपा हाईकमान मन बना चुका है। टिकट कटने के डर से अधिकांश भाजपा विधायकों में डर फैला हुआ है। अकेले अहिरवाल की एक दर्जन सीटों में से 8 सीटों पर नए चेहरे उतारने की तैयारी की जा चुकी है।

Deepak Paul