''5-7 दिन में हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष का चयन हो जाएगा, लेकिन अध्यक्ष ऐसा हो,जिसका जनाधार हो''

6/25/2020 6:31:22 PM

जींद/चंडीगढ़ (धरणी): काफी दिनों से खामोश चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने कहा है कि सुभाष बराला का कार्यकाल खत्म हो चुका है, 5-7 दिन में हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष का चयन हो जाएगा, लेकिन अध्यक्ष ऐसा हो, जिसका ख़ुद का जनाधार हो। पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जल्द तय होगा। मुख्यमंत्री से दिल्ली में मुलाकात के बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मजबूत प्रदेश अध्यक्ष से मुख्यमंत्री की परेशानी कम होगी व भाजपा मजबूत होगी।

बेबाक टिप्पणियां करने के लिए जाने जा रहे बीरेन्द्र सिंह के इन बयानों "अध्यक्ष ऐसा हो, जिसका खुद का जनाधार हो" के दूरगामी राजनैतिक माईने हैं। बीरेंद्र सिंह जब कांग्रेस में थे 2014 से पहले तब वहां भी बेबाक बयानबाजी करते थे। हरियाणा भाजपा सरकार में 2014-2019 में भी बीरेन्द्र सिंह भले ही केंद्र में मंत्री थे। मगर हरियाणा के मोह के चलते अनेकों बार कई टिपणियां की।

बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि मजबूत अध्यक्ष ही बेहतर रहेगा, सो-मूविंग अध्यक्ष हुआ तो वह खुद कुछ नहीं करेगा। बीरेन्द्र सिंह का लंबा राजनैतिक अनुभव है। उनकी कही बातों के मायने दूर तक निकाले जाते हैं। इशारों ही इशारों में भाजपा आलाकमान को जो उन्होंने मजबूत अध्यक्ष की सलाह दी है उससे इशारों ही इशारों में उन्होंने बराला की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाने की वकालत भी की है। अब देखा जाए तो संगठनात्मक क्षमता व परिपक्वता के आधार पर उनका इशारा किस तरफ है। 

भाजपा द्वारा जातीय व क्षेत्रीय संतुलन के मध्यनजर मजबूत चेहरे कौन-कौन हो सकते हैं। चर्चित चेहरों में केवल कयास ही लगाए जा सकते हैं। अगर बराला नहीं बनते तो उस रेस में जाट वर्ग में सबसे अहम नाम कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, महिपाल ढांडा के हैं। गैर जाटों में चर्चा में नाम संदीप जोशी, राम विलास शर्मा, विपुल गोयल, नायाब सिंह सैनी के भी हैं। हरियाणा में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंजाबी समुदाय से व उत्तरी हरियाणा से संबंधित है। करनाल उनकी कर्म भूमि है। भाजपा को आने वाले समय के लिए जाट बाहुल्य क्षेत्रों में पैठ बढ़ानी है व मजबूत करनी है। साथ ही दलित, सैनी, ब्राह्मण, बनिया वोट बैंक पर भी निगाह है।

भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा लगातार लटक रही है। मुख्यमंत्री की पसंद सुभाष बराला व नायाब सैनी हैं। भाजपा आला कमान किसी की भी ताजपोशी करें उसका मुख्यमंत्री से पूरा तालमेल तो रहेगा ही। भाजपा व कांग्रेस के कल्चर में फर्क है। भाजपा में कोई भी प्रधान बने अनुशासन प्राथमिकता है। कांग्रेस में पैरलल लाइन खींचने की आदत है।

चर्चा है कि 2019 के चुनावों के परिणामों व 2024 की रणनीति के तहत नए प्रधान की ताजपोशी भाजपा हाई-कमान करेगा। जो नेता फुल टाइम दे सके उधर प्राथमिकता रहेगी। सर छोटू राम के नाती बीरेन्द्र सिंह खुद दमदार जाट नेता हैं। जाट समुदाय में उनकी खासी पकड़ है। मगर जिस प्रकार 2019 में अपने आईएस बेटे को इस्तीफा दिलवा, हिसार से चुनाव लड़वा, सांसद बनवा सक्रिय राजनीति में उतार चुके हैं कहीं उनका इशारा अपने सांसद पुत्र की तरफ तो नहीं, यह देखने वाली बात होगी।

Shivam