हरियाणा शिक्षा बोर्ड का कमाल, पुनर्मूल्यांकन के बाद 8वें स्थान की छात्रा बनी टॉपर

7/9/2018 9:45:14 AM

मंडी आदमपुर(भारद्वाज): हरियाणा शिक्षा बोर्ड की 12वीं की वार्षिक परीक्षा के पेपर हमारे शिक्षक कितनी ईमानदार से चैक करते हैं इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब गांव सदलपुर की छात्रा पूनम खिच्चड़ ने अपने पेपरों का पुनर्मूल्यांकन करवाया और उसमें छात्रा के 10 अंक बढ़ गए, साथ ही बोर्ड की टॉप टैन सूची में 8वें स्थान से छलांग लगाते हुए टॉपर रही छात्रा के बराबर पहुंच गई। जबकी उसकी जुड़वां बहन पुष्पा खिच्चड़ ने भी पुनर्मूल्याकंन करवाया, जिसमें वह 7वें पायदान से तीसरे पायदान पर पहुंच गई है। अब बोर्ड ने छात्रा को संयुक्त टॉपर माना है। 

छात्राओं के पिता हंसराजल खिच्चड़ ने बताया कि जब 12वीं कक्षा के बोर्ड ने परिणाम घोषित किया तो उस समय उनकी पुत्री पुष्पा के 500 में से 480 अंक व पूनम के 479 अंक आए थे। जिस पर पूनम व पुष्पा ने उनको बताया कि उनके पेपर अच्छे हुए हैं लेकिन अंक अच्छे नहीं आए हैं तो उन्होंने दोनों बेटियों के पेपरों का पूनर्मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया। बोर्ड ने अन्य पुनर्मूल्यांकन करने वाले छात्रों का रिजल्ट तो घोषित कर दिया मगर उनकी पुत्रियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया। जब उन्होंने बोर्ड सचिव से बात की तो उन्होंने बताया कि आपकी बेटियों के पुनर्मूल्यांकन से बोर्ड में प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहने वाली छात्रों के अंक प्रभावित हो रहे हैं इसलिए हमें बोर्ड नियमानुसार कम से कम 3 प्राध्यापकों से पेपर दोबारा चैक करवाने पड़ेंगे। 

हंसराज ने बताया कि बोर्ड ने उनकी दोनों बेटियों पूनम व पुष्पा के पेपर 3-3 प्राध्यापकों से चैक करवाने के बाद रिजल्ट घोषित किया। जिसके बाद पूनम के 10 अंक बढ़े और पुष्पा के 7 अंक बढ़े। इस प्रकार पूनम के 479 से बढ़कर 489 हो गए जो हरियाणा टॉपर रही छात्रा के बराबर हो गए और पुष्पा के 480 से बढ़कर 487 हो गए और प्रदेश में 7वें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गई। हंसराज ने बताया कि उनकी दोनों पुत्रियों का ही विश्वास था कि वें भी टॉपर होंगी जब पुनर्मूल्यांकन करवाया तो एक टॉपर व दूसरी तृतीय रही। 

आई.ए.एस. बनना चाहती हैं दोनों बेटियां
टॉपर रही छात्रा के बराबर अंक लेने वाली छात्रा पूनम खिच्चड़ व तीसरे स्थान पर आने वाली छात्रा पुष्पा का कहना हैं कि वे यू.पी.एस.सी. की परीक्षा पास कर आई.ए.एस. बनना चाहती हैं ताकि देश की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि एक दिन वे अवश्य इस परीक्षा को पास कर अपने माता-पिता, गुरुजनों व गांव का नाम रोशन करेंगी। पूनम व पुष्पा ने बताया कि जब परीक्षा परिणाम आया तो उनको लगा कि कुछ विषयों में नंबर कम आए हैं जिस पर उन्होंने यह बात अपने पिता को बताई तो उनके पिता ने उनको पूनर्मूल्यांकन करवाने की बात कही। जिसके बाद पूनम ने हिंदी और पब्लिक एड. व पुष्पा ने अंग्रेजी व पब्लिक एड. में पुनर्मूल्यांन करवाया। 

पिता बोले- बेटियों को पूरे संसाधन उपलब्ध करवाएंगे
बेटियों के आई.ए.एस. बनने के बारे में जब उनके पिता हंसराज से बात की तो उन्होंने कहा कि जो लोग बेटियों को बोझ समझते हैं वे देख लें कि बेटियां किस प्रकार माता-पिता का नाम रोशन करती हैं। उन्होंने कहा कि वे दोनों बेटियों का यू.पी.एस.सी. की पढ़ाई के लिए हर संभव मदद करेंगे। उनकी सहायता में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी व दोनों बेटियों को पूरे संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस केवल उनको सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए। उन्होंने बेटियों की कम पढ़ाई के पीछे अनपढ़ माता-पिता होना भी एक कारण बताया।

Nisha Bhardwaj