PM के सामने CM का दावा, सितम्बर तक हरियाणा होगा खुले में शौचमुक्त

4/24/2017 3:52:59 PM

चंडीगढ़(संघी):मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा जून माह तक ग्रामीण क्षेत्रों को व सितम्बर माह तक सभी शहरों को खुले में शौच-मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह पंचायतों, गैर-सरकारी संगठनों तथा धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक नेतृत्व को मिलाकर एक मजबूत सामुदायिक आंदोलन खड़ा करने के कारण संभव हो पाया है। राज्य सरकार ने 10,000 से अधिक आबादी वाले गांवों जोकि निकट भविष्य में कस्बे बनने की क्षमता रखते हैं, में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काऊंसिल की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने  वर्ष 2016-17 में संबंधित विभागों तथा हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा 69 हजार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष 2017-18 के दौरान 1.33 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

राज्य सरकार ने एक अधिनियम द्वारा हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। यह विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का एक अद्वितीय विश्वविद्यालय है, जो प्रमाण-पत्र से लेकर डॉक्टरेट स्तर तक कौशल शिक्षा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा जी.एस.टी. के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके लिए हरियाणा विधानसभा में 4 मई को एस.जी.एस.टी. विधेयक पारित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने राज्य का विजन 2030 दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है व इसका शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा। 

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना लक्ष्य
खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने व उनके समग्र कल्याण के लिए सात कार्य बिंदुओं पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही है। इन कार्य बिंदुओं में प्रभावी सिंचाई विधियां, गुणवत्तापरक बीजों व उर्वरकों का प्रावधान, फसल की कटाई उपरांत हानि की रोकथाम, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन, ई-मार्कीट बनाना, फसल बीमा और संबद्ध गतिविधियों पशुपालन, डेरी व मत्स्य पालन आदि को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 से लागू की गई है और अब तक सकल फसली क्षेत्र का 85 प्रतिशत और कृषि फसलों के अंतर्गत आने वाले 95 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों को कवर किया गया है।