चंडीगढ़ में नई विधानसभा से नहीं होगा हरियाणा का क्लेम कमजोर: कुलदीप शर्मा

7/22/2022 7:28:02 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : चंडीगढ़ में हरियाणा की नई विधानसभा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति पर चंडीगढ़ में ही हरियाणा को 10 एकड़ जमीन मिलने पर मुहर लग चुकी है। कुछ दिन पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने पर भी चंडीगढ़ पर हरियाणा का दावा कमजोर होने की बात कही थी, जबकि हुड्डा के बेहद करीबी पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने इस फैसले स्वागत किया है। कुलदीप शर्मा ने इसे भविष्य के लिए सकारात्मक सोच बताते हुए कहा कि इससे परिसीमन के बाद विधायकों की बढ़ने वाली संख्या के बावजूद उपयुक्त स्थान और अच्छी व्यवस्थाएं मिल पाएंगी।

शर्मा ने कहा कि आज हरियाणा विधानसभा में मंत्रियों -अधिकारियों तक के लिए बैठने का उपयुक्त स्थान नहीं है। पंजाब से अपना पूरा हिस्सा लेने के लिए पूर्व में हमने भी बहुत प्रयास किए और मौजूदा सरकार भी प्रयास कर रही है। यह एक भविष्य की तैयारी को लेकर एक अच्छी सोच है और अपनी अलग विधानसभा बनाई जानी चाहिए।उन्होंने चंडीगढ़ पर क्लेम कमजोर होने की बात को नकारते हुए कहा कि विधानसभा चंडीगढ़ में ही बनने से आखिर क्लेम कैसे कमजोर होगा। उन्होंने नई विधानसभा के लिए सरकार से मांग की कि इसका पार्लियामेंट की तरह 50 सालों की संभावनाओं को देखते हुए सभी व्यवस्थाओं से परिपूर्ण स्वरूप होना चाहिए।

अवैध खनन माफियाओं द्वारा डीएसपी की हत्या पर बोलते हुए पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने जांच के साथ-साथ सरकार से मांग की कि सरकार को माइनिंग माफियाओं को कंट्रोल करने के लिए एक कमीशन- समिति या मंत्रियों की कमेटी का गठन करना चाहिए। शर्मा ने कहा कि सरकार को मामले की गंभीरता को समझते हुए ऐसे फैसले लेने चाहिए जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना घटे। शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रदेश में पहले माइनिंग माफिया नहीं थी, हर प्रदेश में माइनिंग माफिया हैं, यह सुप्रीम कोर्ट के कानून की उल्लंघना के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिए घातक हैं और आने वाली पीढ़ी पर प्रहार हैं। इस पर बेहद सख्ती से रोक अति आवश्यक है। कुलदीप शर्मा ने आगामी मानसून सत्र को लेकर कहा कि कांग्रेस हमेशा एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाता रही है। कांग्रेस पार्टी को आज के बिगड़े हालात, अवैध माइनिंग, स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी, कार्यालयों में बेहद कम संख्या में कर्मचारी, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे सदन में उठाने चाहिए।

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Manisha rana