हरियाणा ने अरावली की 36400 एकड़ भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र किया घोषित, गैर-वानिकी गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
punjabkesari.in Thursday, Apr 20, 2023 - 12:08 PM (IST)

हरियाणा (स्पेशल डेस्क) : हरियाणा सरकार ने अरावली क्षेत्र की 36400 एकड़ भूमि को संरक्षित वनक्षेत्र घोषित कर दिया है। ये संरक्षित वनक्षेत्र रेवाड़ी, गुरुग्राम और गृह जिले में आता है। प्रदेश सरकार के इस कदम से अरावली में हरियाली और गैर-वानिकी गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। सूत्रो के मुताबिक, अरावली का घोषित वनक्षेत्र का करीब 24600 एकड़ हिस्सा ह में, 8852 एकड़ रेवाड़ी में और 2950 एकड़ गुरुग्राम में पड़ता है। इससे पहले ये क्षेत्र ग्राम पंचायत के दायरे में आता था। इसलिए वन एवं वन्य जीव विभाग अरावली क्षेत्र में होने वाली गैर कानूनी गतिविधियों पर सीधे अंकुश लगाने में सक्षम नहीं थे।
पहले नहीं था कोई विकल्प
रेवाड़ी के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) सुंदर सिंह संभारिया ने बताया कि पूर्व में गैर कानूनी तरीके से पेड़ काटना, अवैध खनन और अतिक्रमण की कई घटनाएं हो चुकी हैं। संरक्षित वनक्षेत्र घोषित होने से पहले प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देने के अलावा पहले हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। अवैध खनन मामलों में पहले हम स्थानीय खनन विभाग को लिखते थे। अब ये क्षेत्र सीधा हमारे अधिकार के दायरे में आ गया है। इसलिए अब हम अपराधियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।
जल स्तर में होगा सुधार
अरावली को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने के बाद वन विभाग गैर कानूनी गतिविधियों पर कड़ी नजर बना कर रखेगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में हरियाली को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। साथ ही यह जल स्रोतों को संरक्षित करने में भी मदद करेगा जिससे जल स्तर में सुधार होगा और आस-पास के गांवों को पर्याप्त पीने योग्य पानी उपलब्ध होगा। पहले अरावली क्षेत्र ग्राम पंचायत के दायरे में आता था।
गतिविधियां होंगी बैन
संरक्षित क्षेत्र की घोषणा बाद, कोई भी व्यक्ति विभागीय वन अधिकारी (डी.एफ.ओ.) से बिना लिखित अनुमति के संरक्षित वन से किसी भी पेड़ और लकड़ी को काट नहीं सकता, और नहीं हटा सकता है। संरक्षित वन से किसी भी वन उपज को इकट्ठा या हटा नहीं सकता है। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति शिकार, शूट या फिशिंग भी नहीं कर सकता है। इसके लिए डीएफओ से पहले लाइसेंस लेना होगा। रेवाड़ी के डी. सी. मोहम्मद इमराज राजा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार का यह कदम काफी अहम साबित होगा। इसके बाद वन अधिकारी भी हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष गतिविधियां कर पाएंगे।
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