हरियाणा : 2029 तक डीजल बसों की जगह लेंगी इलैक्ट्रिक बसें, गुरुग्राम और फरीदाबाद से शुरूआत

12/11/2020 8:26:43 AM

चंडीगढ़ : हरियाणा में 2029 तक डीजल से चलने वाली बसों की जगह इलैक्ट्रिक बसें ले लेंगी। प्रदेश सरकार ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में गुरुग्राम और फरीदाबाद की मौजूदा सभी बसें हटाकर उनकी जगह 2024 तक केवल इलैक्ट्रिक बसें ही दिखेंगी। 

प्रदेश सरकार ने इसके लिए इलैक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिसमें इलैक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी है। गत लगभग एक दशक से हरियाणा में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वाहनों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित करने में अहम रोल अदा करता है। यही वजह है कि आवाजाही के लिए प्रदेश में ऐसे साधन तलाशे जा रहे हैं, जिनसे वायु प्रदूषित न हो। जिसके लिए इलैक्ट्रिक व्हीकल को इस पॉलिसी के माध्यम से प्रोमोट करने का काम शुरू हो गया है। जो बसें इस समय चल रही हैं उन्हें आने वाले 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। ड्राफ्ट में यह जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट को दी गई है। 

इलैक्ट्रिक व्हीकल से जुड़ी इंडस्ट्रीज को व्यवसाय चलाने में कोई परेशानी न हो इसके लिए बिजली विभाग की ओर से 24 घंटे बिजली की सप्लाई दी जाएगी। रात के समय जबकि बिजली की खपत कम हो जाती है तो उस समय इंडस्ट्रीज को विशेष डिस्काऊंट दिया जाएगा।

‘डिपो पर ही चार्ज होंगी बसें, रूट पर भी मिलेगी सुविधा’
शुरूआत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 9 व 12 मीटर लंबी इलैक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। जो एक बार चार्ज होने पर 50 से 100 किलोमीटर तक चलेंगी। इन बसों को डिपो में ही चार्ज किया जाएगा। चाॄजग प्वाइंट वहीं होंगे, जहां पर बसें पार्क की जाती हैं। इसके साथ ही रूट पर भी चाॄजग की सुविधा दी जाएगी। नैशनल और स्टेट हाईवे के साथ शहरों की विभिन्न लोकेशंस में डायरैक्ट करंट फास्ट चाॄजग स्टेशन बनाए जाएंगे। चाॄजग स्टेशन ढूंढने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए लोगों को इनकी पूरी लिस्ट दी जाएगी। इसके साथ ही मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए इनकी लोकेशन भी मिलेगी। 

‘100 से 200 एकड़ में बनेंगे इलैक्ट्रिक व्हीकल पार्क’
राज्य सरकार की ओर से इलैक्ट्रिक व्हीकल पार्क तैयार किए जाएंगे। इसके लिए 100 से 200 एकड़ जमीन सरकार देगी। इन पाक्र्स में इलैक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने वाली कंपनियों को हरेक सुविधा दी जाएगी। शुरूआत के 10 वर्षों तक किसी भी यूनिट से इलैक्ट्रिसिटी ड्यूटी नहीं ली जाएगी। हरियाणा को इलैक्ट्रिक मोबिलिटी डिवैल्पमैंट और इलैक्ट्रिक व्हीकल्स के निर्माण के लिए एक वैश्विक हब बनाने की तैयारी है। इसके लिए इस पॉलिसी के द्वारा इलैक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को अपनी यूनिट स्थापित करने के लिए आकर्षित करना है। 

‘मुख्य हाईवे में हर 50 किलोमीटर की दूरी पर होगा चाॄजग स्टेशन’
पब्लिक सैक्टर यूनिट्स को राज्य में चाॄजग इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी। पब्लिक बिल्डिंग और पब्लिक प्लेस में चाॄजग की सुविधा मिलेगी। मुख्य हाईवे में हर 50 किलोमीटर की दूरी पर एक चाॄजग स्टेशन बनाया जाएगा। जहां पर हैवी व्हीकल्स चार्ज किए जा सकेंगे। नए अपार्टमैंट, ऊंची इमारतों और टैक्नोलॉजी पाक्र्स में भी व्हीकल्स चार्ज हो पाएंगे। इलैक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने के बाद जो बैटरी खराब हो जाएगी उनके डिस्पोजल के लिए पी.पी.पी. मोड में अलग से मार्कीट खुलेगी। पब्लिक पार्किंग में भी चाॄजग स्टेशन होंगे। चाॄजग स्टेशन में बिजली की दर कमॢशयल कैटेगरी की रहेगी।

‘नहीं देना होगा रोड टैक्स, टोल टैक्स से भी मुक्ति’
इलैक्ट्रिक व्हीकल पर कोई रोड टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि शर्त यह होगी कि व्हीकल हरियाणा में ही खरीदा गया हो। इसके साथ ही एस.जी.एस.टी. पर भी पूरी तरह से छूट दी जाएगी। राज्य सरकार के कर्मचारियों को इलैक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर लोन में 100 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। 
सभी रजिस्टर्ड इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को राज्य के टोल टैक्स में कोई शुल्क नहीं देना होगा। पॉलिसी के नोटिफाई होने के बाद 6 महीने के भीतर जो कोई भी ई-रिक्शा/कार्ट खरीदेगा उसे 25000 का कूपन भी मिलेगा। लाइट मोटर व्हीकल के लिए 50000, इलैक्ट्रिक कार के लिए 75000 और 10 लाख से अधिक कीमत वाली इलैक्ट्रिक कार के लिए 100000 रुपए का कूपन दिया जाएगा। 

Manisha rana