हरियाणा के किसानों को इतना मजबूत कर देंगे कि ऋण लेने नहीं, देने लगेंगे: सीएम

6/17/2017 11:38:14 AM

हरियाणा:अढ़ाई वर्षों से अधिक हरियाणा की सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जहां अढ़ाई करोड़ लोगों की सेवा को ही अपनी पूंजी और शक्ति मानते हैं, वहीं उनका लक्ष्य हरियाणा में शिक्षा सुधार और रोजगार उपलब्ध करवाना है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार को कुछ हद तक कम करने में वह सफल तो हुए हैं, लेकिन अभी पूरी तरह से यह खत्म नहीं हुआ है। उनका दावा है कि वह भ्रष्टाचार को खत्म करके ही दम लेंगे, उसके लिए चाहे कितनी रुकावटें ही क्यों न झेलनी पड़ें। पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स संवाददाता दीपक बंसल के साथ विशेष बातचीत में बड़े आत्मविश्वास के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भावी चुनाव में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा में अपना विश्वास जताएंगे। वह इस बात से खुश थे कि हरियाणा की नीतियों को दूसरे प्रदेश भी अपना रहे हैं।

सवाल- जाट आंदोलन से निपटने के बाद किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा है। क्या सरकार के समक्ष नया संकट तो नहीं खड़ा होने जा रहा,क्योंकि किसान स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने तथा ऋण माफी की मांग कर रहे हैं? क्या सरकार किसानों को शांत करने के लिए नई योजना बना रही है?
जवाब- हमारी सरकार किसानों की सरकार है। जितने किसान हितैषी फैसले हमने लिए हैं,पहले नहीं लिए गए। पहले यूरिया की किल्लत होती थी और अब स्थिति यह है कि किसान आगे-आगे और यूरिया पीछे-पीछे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में प्राकृतिक आपदा पर 10 हजार प्रति एकड़ मुआवजा की बात थी,लेकिन हमने ने 12 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया। 2400 करोड़ का मुआवजा किसानों को दिया जा चुका है। इतना मुआवजा पहले किसी सरकार ने नहीं दिया। जहां तक ऋण की बात है तो हमारी सरकार किसान को मजबूत बनाने में लगी हुई है कि किसान ऋण मुक्त भी हो जाएगा और आर्थिक स्थिति इतनी सुदढ़ हो जाएगी कि ऋण लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी बल्कि वे ऋण देने लगेंगे।

सवाल- अपने कार्यकाल दौरान राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर हजारों घोषणाएं की। राज्य के जिन क्षेत्रों में विपक्षी दल के विधायक हैं, वहां भी घोषणाएं की। उनकी क्या स्थिति है जबकि उन घोषणाओं की मॉनीटीरिंग भी आप स्वयं कर रहे हैं?
जवाब- अढ़ाई वर्षों के दौरान करीब 3600 घोषणाएं की हैं, जिसमें से पहले वर्ष की 80 प्रतिशत, दूसरे की 40 प्रतिशत तथा वर्तमान वर्ष की 10 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं या जल्द पूरी हो जाएंगी। अभी घोषणाओं का दूसरा राऊंड भी शुरू करेंगे। कांग्रेस ने 10 वर्षों के दौरान इतना काम नहीं किया जितना हमारी सरकार ने अढ़ाई वर्षों के दौरान कर दिया। हम लोगों की मांग पर नहीं बल्कि आवश्यकता अनुसार घोषणा करते हैं।

सवाल- बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है, गर्मी में बिजली की किल्लत झेलनी पड़ रही है। कांग्रेस का आरोप है कि झाड़ली प्लांट की बिजली सरैंडर कर दी है?
जवाब- बिजली की कोई कमी नहीं है। पहली बार बिजली के रेट घटाए गए हैं। लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है। लाइन लॉस 30 से घटकर 25 प्रतिशत रह गया है जिसे 20 प्रतिशत से कम पर लाया जाएगा। 500 गांव ऐसे हो गए हैं जहां 24 घंटे बिजली मिलती है। जहां तक बिजली सरैंडर करने की बात है तो जब सस्ती बिजली मिल रही है तो महंगी क्यों खरीदें। पूर्व सरकार की गलत नीतियों के चलते बिजली निगमों का घाटा 33 हजार करोड़ पहुंच गया था। उदय योजना के तहत 25 हजार करोड़ सरकार ने वहन किए जिससे बिजली निगमों को 3 हजार करोड़ का ब्याज नहीं देना पड़ता।
जवाब- सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद पंजाब हरियाणा को एक भी बूंद पानी नहीं देने की बात कर रहा है। विपक्षी दल इस मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आपकी सरकार यह मुद्दा लटकाए रखेगी, क्योंकि पंजाब में भाजपा का शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन है, क्या यह बात सही है?

सवाल- एक बात स्पष्ट कर दूं कि एस.वाई.एल. का निर्माण होकर रहेगा। हमारी सरकार आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दमदार पैरवी की गई जिसके चलते हरियाणा के हक में फैसला आया। इंडियन नैशनल लोकदल पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बसें रोकने से एस.वाई.एल. का निर्माण नहीं होने वाला, बल्कि राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को मिलकर इसके निर्माण का प्रयास करना चाहिए। एस.वाई.एल. निर्माण से हरियाणा ही नहीं पंजाब को भी फायदा होगा। बारिश के दिनों में पंजाब बाढ़ का दंश झेलता है, नहर निर्माण से वह फालतू पानी हरियाणा की तरफ छोड़ सकता है, जो दक्षिण हरियाणा के काम आ आएगा। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नहर निर्माण के क्रियान्वयन पर सुनवाई होनी है। इस फैसले के बाद नहर निर्माण का काम शुरू होना निश्चित है।
जवाब- लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव की घोषणा की है। चुनाव को लेकर क्या भावी रणनीति है, दोनों चुनावों का इक_े होना आपके लिए चुनौती होगा? कई क्षेत्रों में सांसदों तथा विधायकों के बीच झगड़ा है, आप इसे कैसे निपटेंगे?

सवाल- मैंने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। केन्द्र सरकार की सोच है कि लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाए जाएं और हमारी सहमति केन्द्र की सोच के साथ है। जहां तक चुनाव की रणनीति की बात है तो उसका खुलासा मैं अभी कैसे कर सकता हूं। रणनीति का खुलासा तो समय पर किया जाएगा। हमारी सोच नेता से ज्यादा पार्टी में विश्वास रखने की है। जनता का विश्वास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में है। यह भी निश्चित है कि भावी चुनावों में जनता हमारी पार्टी में ही विश्वास जताएगी। सरकार को अढ़ाई वर्ष से अधिक समय हो चुका है, ऐसे कौन से निर्णय हैं, जो दिल को सुकून देते हैं। अगले वर्षों के लिए सरकार के समक्ष कौन-सी प्रमुख चुनौतियां मानते हैं?
जवाब- हरियाणा में पिछली सरकारों के समय निराशा और विश्वासहीनता का माहौल बना हुआ था। लोग भ्रष्टाचार से पीड़ित थे। हमारी सरकार आने के बाद लोगों का विश्वास बहाल हुआ है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए गए। जनता को विश्वास है कि पिछली सरकारों की अपेक्षा मौजूदा सरकार ठीक काम कर रही है। मैं मानता हूं कि भ्रष्टाचार पूर्णत: खत्म नहीं हुआ है, लेकिन काफी हद तक कम हुआ है। मैंने शक्तियों का विकेन्द्रीकरण किया ताकि सत्ता एक व्यक्ति के हाथों तक सीमित होकर न रह जाए। पूर्व सरकारों के समय ट्रांसफर एक उद्योग बन गया था जबकि हमने इस पर प्रतिबद्ध लगाया। अध्यापकों की ट्रांसफर ऑनलाइन की गई जिसे अब अन्य प्रदेश भी लागू कर रहे हैं। हमारी सरकार की नीति वोट बैंक की नहीं बल्कि हर वर्ग को साथ जोडऩे की है। क्षेत्रवाद को खत्म करना सरकार की उपलब्धि है। मौजूदा सरकार में भाई-भतीजावाद नहीं है। मेरे परिवार का कोई व्यक्ति सत्ता में दखल देता दिखाई नहीं देगा।

सवाल- विपक्षी दल आप के ऊपर बार-बार आरोप लगाते हैं कि बदला-बदली की सरकार है। सरकार चलाने का अनुभव भी नहीं है? हुड्डा तो विरोधियों को दबाने के लिए सी.बी.आई. के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं?
जवाब- बदला लेना होता तो पहले दिन ही ले लेते। आरोप लगाने वाले पहले कहते थे कि जो गलतियां हमने की हैं, उन पर कुछ कार्रवाई क्यों नहीं करते। हमने विकास का काम शुरू किया तो जो-जो कमियां सामने आती रहीं उस पर कार्रवाई शुरू कर दी। फिलहाल तो जांच ही चल रही है, तभी इतना शोर मचाना शुरू कर दिया। अभी किसी गलती का दंड भी नहीं मिला, क्योंकि ट्रायल फेज ही चल रहा है। जहां तक अनुभव की बात है तो अढ़ाई साल से अधिक सरकार चलाते हो गए। हां, पिछली सरकारों जैसा अनुभव नहीं चाहिए, क्योंकि मुझे तो 35 साल की सेवा का अनुभव है और लोगों की सेवा कर रहा हूं। सी.बी.आई. स्वतंत्र जांच एजैंसी है जिसकी जांच पर लोगों तथा सरकार का विश्वास है। फिर पहले वाली बात दोहराता हूं कि अगर सी.बी.आई. का दुरुपयोग करना होता तो पहले दिन करते। कानून अपना काम कर रहा है और शोर मचाने वाले शोर मचा रहे हैं।