सरकारी स्कूलों की खुली पोल, निदेशक के बेसिक सवालों का जवाब नहीं दे पाए बच्चे

5/27/2017 2:45:44 PM

फतेहाबाद(गौतम तारिफ):प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गिरते शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है। इस को मद्देनजर रखते हुए शिक्षा विभाग ने गर्मियों के अवकाश से पहले सरकारी स्कूलों में स्किल पास बुक और कैचअप कार्यक्रम शुरू किए। इन कार्यक्रमों को शुरू करने के पीछे विभाग का मकसद यह था कि पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को ज्ञान बढ़ाया जा सके। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हरचरण सिंह छौक्कर ने फतेहाबाद शहर के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय के प्रश्न पूछे लेकिन वे अधिकांश प्रश्नों को सही उत्तर नहीं दे सके। 

इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों पूछा कि जय जवान जय किसान का नारा किसने दिया तो विद्यार्थियों ने बताया कि यह नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। विद्यार्थियों द्वारा संयुक्त निदेशक से बेसिक सवालों के ठीक उत्तर नहीं दिए जाने से शिक्षकों की पोल भी खुल गई। इससे स्पष्ट हुआ कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अधिकांश शिक्षणों को सिर्फ अपने वेतन से मतलब है। शायद वे शिक्षा की अलख जगाना ही नहीं चाहते।

शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक छौक्कर ने राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पहुंचने के बाद सबसे पहले कक्षा छठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों की लिखित मे परीक्षा ली जिसमें 270 विद्यार्थी शामिल हुए। छौक्कर ने होश तो तब उड़ गए जब ली गई परीक्षा में महज 2 विद्यार्थी ही 81 और 100 नंबर तक पहुंच पाए। इसके बाद हरचरण ने कक्षा 7वीं, 8वीं और 9वीं के विद्यार्थियों से अंग्रेजी, हिंदी और गणित के प्रश्न किए लेकिन विद्यार्थी किसी भी विषय के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हरचरण सिंह छौक्कर ने बताया कि बच्चों का बेसिक स्तर काफी कमजोर है, उसे सुधारने के लिए वे स्कूल प्रबंधन की बैठक लेंगे।