हरियाणा : अब कोख में सांस लेने लगी हैं बच्चियां, यह जिला बना टॉप वन
12/16/2019 9:47:52 AM
चंडीगढ(अर्चना सेठी): हरियाणा में मां की कोखों में अब बच्चियां भी सांस लेने लगी हैं। बेटियों के भ्रूण को मां की कोख में खत्म करने की कोशिशों पर रोक लगती दिख रही है। राज्य के विभिन्न जिलों में बेटियों की आबादी बढऩे लगी है। मौजूदा साल के लिंगानुपात आंकड़ों की हकीकत कहती है कि बीते साल की तुलना में प्रदेश में बेटियों की संख्या बढ़ गई है। गत वर्ष प्रदेश की लिंगानुपात दर 914 थी जबकि मौजूदा साल में यह दर 920 रिकार्ड की गई है।
रिकार्ड कहता है कि मौजूदा वर्ष में जनवरी से लेकर अक्तूबर महीने तक 1,000 लड़कों में 920 लड़कियों ने जन्म लिया यानी वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 6 लड़कियों की संख्या बढ़ी। प्रदेश में वर्ष 2011 में सबसे कमजोर ङ्क्षलगानुपात दर थी। तत्कालीन समय में 1,000 लड़कों पर सिर्फ 834 लड़कियों ने जन्म लिया था। वर्ष 2015 में ङ्क्षलगानुपात दर 871 पहुंची। वर्ष 2016 में यह दर 900 रिकार्ड की गई थी।
बढ़ गई है अस्पतालों में बच्चों के जन्म की दर
पंचकूला सिविल अस्पताल की गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. अनीता सोनी का कहना है कि विभिन्न जिलों के गाइनोकोलॉजी डाक्टर्स की टीम अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स समेत मैडीकल टर्मीनेशन ऑफ प्रैग्नैंसी सैंटर्स का औचक निरीक्षण करती रहती है। ऐसे सैंटर्स जो गैर-कानूनी तरीके से अबॉर्शन करते हैं या उनके पास डॉक्यूमैंट्स का अभाव मिलता है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के अस्पतालों में गाइनोकोलॉजी की सुविधाएं इतना बढ़ चुकी हैं कि पंचकूला और विभिन्न जिलों के अलावा चंडीगढ़, बद्दी, मोहाली और आस-पास के कई शहरों से महिलाएं डिलीवरी के लिए यहीं पहुंच रही हैं। पहले पंचकूला के अस्पताल में एक महीने में 500 से 600 बच्चों का जन्म होता था जबकि अब यह आंकड़ा महीने में 700 बच्चों के जन्म को पार करने लगा है।
सिरसा पहुंचा पहले से 20वें स्थान पर
आंकड़ों की मानें तो बीते साल बढिय़ा ङ्क्षलगानुपात दर पाने वाले जिलों में सिरसा, करनाल, जींद, सोनीपत, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और भिवानी शामिल थे जबकि मौजूदा साल में सिरसा पहले से 20वें स्थान पर लुढ़क गया है। बीते साल सिरसा की दर 935 थी। करनाल दूसरे स्थान से गिरकर 18वें स्थान पर पहुंच गया है। पहले इसकी दर 934 थी। जींद बीते साल की तरह इस बार भी तीसरे स्थान पर कायम है लेकिन इस बार इसकी दर 943 हो गई है जो पहले 927 थी। सोनीपत चौथे स्थान से लुढ़क कर 14वें स्थान पर पहुंच गया है। यमुनानगर 5वें स्थान (दर 925) से चौथे स्थान (दर 938) पर पहुंच गया है।
प्रदेश जल्द पहुंचेगा 950 की लिंगानुपात दर पर
डॉ. दयानंद बागड़ी, डायरैक्टर हैल्थ सॢवस पी.एन.डी.टी. विंग ने कहा कि प्रदेश सरकार बेटियों को बचाने के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सख्त निर्देश हैं कि प्रत्येक बच्ची को जन्म का अधिकार मिल सके। किसी भी बच्ची की सांसें मां की कोख में खत्म न कर दी जाएं। प्रीनैटल डायग्नॉस्टिक टैस्ट (पी.एन.डी.टी.) के जरिए ङ्क्षलग जांच करवाकर मां की कोख में बच्चियों को मारने वाली कवायद हरियाणा में दम तोड़ रही है।
विभाग और हरियाणा पुलिस ऐसे लोगों पर समय-समय पर शिकंजा कसता रहता है जहां जन्म से पहले गर्भस्थ शिशु के ङ्क्षलग की पहचान करने की कोशिश की जाती है। ऐसे कई अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स को विभाग द्वारा सील किया जा चुका है। बहुत से एजैंट्स और ऐसे कई डाक्टर्स या पैरामैडीकल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो पैसों के लालच में ङ्क्षलग जांच के बाद बच्चियों का मां की कोख में ही खून कर देते हैं। सिविल सर्जंस, मैडीकल ऑफिसर्स के साथ-साथ विभाग के खुफिया एजैंट्स लड़कियों को बचाने का काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि 1,000 लड़कों पर 1,000 लड़कियां ही जन्म ले सकें। हालांकि पूरी उम्मीद है कि विभाग जल्द ही 920 से 950 के लक्ष्य पर पहुंच जाएगा।
पंचकूला बना टॉप वन जिला, लिंगानुपात दर पहुंची 970
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 1,000 लड़कों पर 952 लड़कियों का जन्म एक स्वस्थ लिंगानुपात दर है। मौजूदा साल का रिकार्ड कहता है कि पंचकूला और अंबाला जिलों ने लिंगानुपात में 950 की दर को पार कर लिया है। लिंगानुपात के अनुसार कौन-सा जिला किस स्थान पर है, प्रस्तुत है विवरण-
- जिला लिंगानुपात प्रदेश में स्थान
- पंचकूला 970 प्रथम
- अम्बाला 951 द्वितीय
- जींद 943 तृतीय
- यमुनानगर 938 चतुर्थ
- पानीपत 936 पांचवां
- पलवल 932 छठा
- हिसार 927 7वां
- कुरुक्षेत्र 925 8वां
- फतेहाबाद 924 9वां
- महेंद्रगढ़ 923 10वां
- फरीदाबाद 919 11वां
- नूंह 914 12वां
- रेवाड़ी 913 13वां
- सोनीपत 912 14वां
- गुरुग्राम 911 15वां
- रोहतक 910 16वां
- झज्जर 908 17वां
- करनाल 907 18वां
- कैथल 905 19वां
- सिरसा 904 20वां
- भिवानी 894 21वां