हरियाणा सरकार 10,90,929 बच्चों को दे रही है पोषक आहार

4/12/2021 8:30:00 AM

चंडीगढ़ : हरियाणा में 10,90,929 बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषक आहार प्रदान किया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार 6 माह से लेकर 6 साल तक की उम्र के बच्चों  को पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार उपलब्ध करवा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर स्कूलों में पढऩे वाले छोटे बच्चों को विटामिन और पोषक तत्व युक्त भोजन दिया जा रहा है। यही नहीं गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली मांओं को भी पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि 6 माह से लेकर एक साल की उम्र तक के 77,077 लड़कों व 74,382 लड़कियों, एक से 3 साल तक के 2,67,784 लड़कों जबकि 2,53,879 लड़कियों, 3 से 6 साल तक की उम्र के 2,11,999 लड़कों और 2,05,808 लड़कियों कोपोषण से परिपूर्ण आहार देकर उनके कुपोषण को दूर किया जा रहा है। गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के रिकॉर्ड अनुसार प्रदेश के पूरक पोषण कार्यक्रम में 3.06 लाख गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली मांओं को पोषक आहार का सेवन करवाया जा रहा है।

3 साल पहले बढ़ाया था खाने का खर्च
महिला एवं बाल विकास विभाग ने 3 साल पहले 6 माह से लेकर 6 साल तक की उम्र के बच्चों के आहार पर खर्च राशि बढ़ा दी थी। एक बच्चे पर एक दिन के खर्च को 6 से बढ़ाकर 8 रुपए कर दिया गया था। कुपोषण से ग्रस्त बच्चे के एक दिन के खर्च को 9 से बढ़ाकर 12 रुपए कर दिया गया था। गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली मां के एक दिन के आहार के खर्च को 7 से बढ़ाकर 9.50 रुपए कर दिया गया था। कुपोषण पर वार करने के लिए बच्चों को पंजीरी, भरवा परांठा, आलू-पूरी, मीठे चावल, मीठा दलिया, पुलाव, गुलगुले, चने, मूंगफली का मिक्सचर, सेवियां आदि खाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को दिए जा रहे हैं। 

दूर करेंगे कुपोषण, पूरा होगा लक्ष्य
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा का कहना है कि कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार कई प्रोजैक्ट्स पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक कुपोषण स्तर को 6 फीसदी घटाना है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली मांओं के कुपोषण को दूर करने के लिए पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार का सेवन करवाया जा रहा है। बच्चों व महिलाओं को खाने में फोर्टिफाइड आटा और दूध से लेकर कई पोषक चीजों का सेवन करवाया जा रहा है। अब जल्द बच्चों व महिलाओं को फोर्टिफाइड चावल भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। कुपोषण को दूर करने के लिए समूचे देश में प्रयास किए जा रहे हैं। हमें गर्व है कि दूसरे राज्यों के मुकाबले हरियाणा की स्थिति बहुत बेहतर है।

दूध और पंजीरी में होते हैं पोषक पदार्थ
एक अधिकारी का कहना है कि बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार कई किस्म के आहार केंद्रों और स्कूल में आने वाले बच्चों को खाने के लिए दे रही है। इसके लिए केंद्र सरकार गेहूं और चावल कम दामों पर उपलब्ध करवा रही है। गेहूं 2 जबकि चावल 3 रुपए किलो की कीमत पर दिया जा रहा है। फोॢटफाइड नमक को ई-टैंडरिंग के माध्यम से खरीद रहे हैं। सोया, कॉटनसीड और सरसों के तेल को हैफेड द्वारा खरीदा जा रहा है।

कुपोषण को दूर करने के लिए हरियाणा द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम
बच्चों को खिलाया जा रहा है पोषण से परिपूर्ण आहार
आंगनबाड़ी केंद्रों को खाना पकाने के लिए दिया जा रहा फोर्टिफाइड नमक
गुरुग्राम और घरौंदा में चलाए जा रहे हैं पंजीरी प्लांट
फोर्टिफाइड तेल की केंद्रों और पंजीरी प्लांट में सप्लाई
हरियाणा डेयरी डिवैल्पमैंट को-ऑप्रेटिव फैडरेशन और वीटा द्वारा गुलाब, इलायची, चॉकलेट, वेनिला, बटर स्कोच फ्लेवर में पोषक दूध की सप्लाई की जा रही है। सप्ताह में 6 दिन 9.03 लाख बच्चों और 3.06 लाख गर्भवती महिलाओं व बच्चे को दूध पिलाने वाली मांओं को पीने के लिए दूध दिया जा रहा है। 

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Content Writer

Manisha rana