हरियाणा सरकार की पत्रिका में छपी एक फोटो से नया विवाद

6/27/2017 9:42:34 AM

जींद:हरियाणा में वर्षों से विवाद का विषय बनी महिलाओं की घूंघट प्रथा फिर से चर्चा में है। एक तरफ जहां प्रदेश में दर्जनभर संगठनों द्वारा महिलाओं की घूंघट प्रथा को समाप्त करने की दिशा में अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं हरियाणा सरकार ने परोक्ष रूप से घूंघट प्रथा का समर्थन किया है। सरकार द्वारा प्रकाशित की जा रही मासिक पत्रिका में छपी एक फोटो से नया विवाद खड़ा हो गया है। हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा संवाद और कृषि संवाद के नाम से मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जा रहा है। 

हरियाणा संवाद सामान्य विषयों पर आधारित है जबकि कृषि संवाद ग्रामीण विकास एवं कृषि मामलों से सम्बंधित रहती है। हरियाणा सरकार की मासिक पत्रिका कृषि संवाद का मार्च माह का अंक हाल ही में प्रकाशित हुआ है। इस पत्रिका के कवर पेज पर जहां मुख्यमंत्री मनोहरलाल की फोटो प्रकाशित करके लिखा गया है, त्रिस्तरीय प्रणाली लोकतंत्र की मजबूत कड़ी। इस मैगजीन के अंतिम पृष्ठ पर एक फोटो प्रकाशित किया गया है जिसमें एक ग्रामीण अंचल की महिला को घूंघट में दिखाया गया है। महिला पशु शाला से बाहर निकल रही है और उसके सिर पर पशु चारे अथवा चारे की रंहद-खूंद का टोकरा (तसला) है। छायाकार का नाम विलय मलिक है और फोटो का कैप्शन लिखा गया है घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान। इसी फोटो और कैप्शन पर अब विवाद हो गया है। 

यह स्थिति तब पैदा हुई है जब हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद कई कार्यक्रमों के दौरान महिलाओं की पर्दा-प्रथा का विरोध कर चुके हैं और दर्जन भर संगठन इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। महिला रीना सुनीता पूजा सहित अन्य लड़कियों का कहना है की एक तरफ  तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है, वहीं नारी को घूंघट में रखना चाह रही है। खट्टर सरकार को इस स्लोगन को तुरंत वापस लेना चाहिए।