किसानों को प्रताड़ित करने में हरियाणा सरकार देश में नम्बर-1 : दीपेन्द्र हुड्डा

punjabkesari.in Monday, Nov 30, 2020 - 03:08 PM (IST)

समालखा/पानीपत(खर्ब/राकेश ): राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा पानीपत में कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपनी जायज मांगों के साथ शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हरियाणा-पंजाब के हज़ारों किसानों पर मुक़दमे दर्ज किये जाने की ख़बरों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि आन्दोलनरत किसानों को देश में कहीं किसी ने नहीं रोका, लेकिन हरियाणा की सरकार ने उन्हें बलपूर्वक रोका, वाटर कैनन की बौछारें और आंसू गैस के गोले मारे अब बेगुनाह हजारों किसानों पर मुकदमे दर्ज करा दिए।

सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि ये पहली सरकार है जो किसानों को प्रताड़ित करने में नंबर-1 है और किसानों पर मुकदमे दर्ज करने में भी नंबर-1 साबित हो गयी है, क्योंकि, 10 हजार किसानों पर एक साथ मुकदमा इससे पहले कभी दर्ज नहीं हुआ था। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से सीधा सवाल किया कि हरियाणा सरकार बताए किसानों का अपराध क्या है? हज़ारों किसानों पर मुक़दमे दर्ज करने से पहले बताए हरियाणा में कौन सी जेल है जिसमें 10 हज़ार किसानो को क़ैद किया जाएगा? उन्होंने यह भी जोड़ा कि अभी देश में ऐसी कोई जेल नहीं बनी जो किसान को क़ैद कर सके।

गांव डिडवाडी व अन्य जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों में उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर देखा जाता था कि आंदोलनकारी रास्ता रोकते थे और सरकार रास्ता खोलती थी। देश के इतिहास में पहली बार ये हो रहा है कि सरकार रास्ते बंद कर रही है और आंदोलनकारी किसान रास्ते खोल रहे हैं। किसान तो अपनी चुनी हुई सरकार से अपने जायज हक़ की मांग के लिए निवेदन करने शांतिपूर्ण ढंग से आ रहे थे। सारे देश ने देखा कि जब पुलिस बैरिकेट के चलते मरीज को ले जा रही एंबुलेंस फंस गयी, तो किसानों ने मिलकर सरकार द्वारा लगाए गए बैरिकेट हटाए और एंबुलेंस को रास्ता दिया। इससे बेहतरीन मानवीय चेहरा और क्या हो सकता है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं और दूसरी तरफ कह रही है कि उसने जो क़ानून बनाए हैं वो सही हैं। सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़े और किसानों से बिना शर्त बात करे। सरकार यदि बातचीत शुरू करने के लिए ही शर्त लगाएगी तो बातचीत का माहौल ही नहीं बन सकता। किसानों की सारी मांगें जायज हैं उनकी सभी मांगों को स्वीकार करे सरकार। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं। दूसरी तरफ हजारों किसानों पर मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। किसान देश का पेट भर रहा है और उसका बेटा देश की सीमाओं की रक्षा कर रहा है। अगर ये भी देश भक्त नहीं हैं तो फिर कौन देश भक्त है। किसान की देश भक्ति पर जो शक कर रहा है वो सच्चा देशभक्त नहीं है। किसान की आवाज़ दबायी नहीं जा सकती और किसी जोर-जबरदस्ती से कुचली नहीं जा सकती। केंद्र और हरियाणा सरकार का रवैया अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ता के घमंड में डूबी इस सरकार का रवैया भारी पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अपने जायज हकों की मांग के लिए संविधान और लोकतंत्र के दायरे में शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे किसानों के साथ हरियाणा की भाजपा व जजपा सरकार ने जिस तरह का अमानवीय बर्ताव किया है वो कतई स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम होगी। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि दोहरापन छोड़कर सरकार किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे तुरंत रद्द करे और किसान को दबाने के कुप्रयास बंद करे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान की मांगें पूरी तरह जायज हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और एमएसपी से कम पर खरीदने वाले के लिए सजा का प्रावधान जब तक नहीं होगा तब तक किसी क़ानून का किसानों के लिए कोई औचित्य नहीं है। दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस नेता महावीर डिडवाड़ी, युवा कांग्रेस के नेता प्रियांश मिलक, गांव उग्राखेड़ी के पूर्व सरपंच बिंटू मलिक, रिटायर्ड ईटीओ हवासिंह कादियान,जोगेंद्र पूनिया के कार्यक्रमों में भी भाग लिया।

इस दौरान उनके साथ विधायक बलबीर बाल्मिकी, पूर्व सी.पी.एस. सुल्तान सिंह, पूर्व विधायक बिजेंद्र कादियान, विकास छोकर, बलवान बाल्मीकि, बुल्ले शाह, कर्ण सिंह कादियान, महावीर डिडवाडी, सुरेश वर्मा, विजेंद्र पुनिया, सुरेंद्र कालखा, सतीश पूनिया, राम सिंह पूर्व सरपंच, जोगेंद्र पूनिया, सुरेंद्र कादियान, अनिल मलिक सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

 

 

 


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Isha

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