गन्ने के रेट को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, किसानों को होगा फायदा

12/11/2019 3:07:15 PM

डेस्कः हरियाणा में इस बार के सीजन में गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया जाएगा। इस बार मिलों में किसानों से पुराने रेट पर ही गन्ने की खरीद की जाएगी। इसके अलावा किसानों को गन्ने की पेमेंट समय पर मिले, कोई बकाया न रहे, इसके लिए सभी प्राइवेट और सहकारी चीनी मिलों को एडवांस सब्सिडी भी भेजी जा चुकी है, ताकि गन्ना बेचने के तुरंत बाद किसानों को पेमेंट मिल जाए। हरियाणा में गन्ने पिराई का सीजन शुरू चुका है। प्रदेश में 11 सहकारी और 3 प्राइवेट चीनी मिले हैं। पलवल मिल को छोड़कर अन्य मिलों में पिरोई का काम शुरू हो चुका है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि इस संबंध में निर्णय लिया जा चुका है और संबंधित निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। उनके अनुसार हरियाणा में गन्ने का रेट रीजन ही नहीं, बल्कि देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से गन्ने की एफआरपी (फेयर एंड रेमोनरेटिव प्राइज) 275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि हरियाणा में विभिन्न कैटेगरी में गन्ने का ये रेट 330 (पछेेती), 335 (मध्यम) व 340 (अगेती) रुपये प्रति क्विंटल है, जो कि सर्वाधिक है। उनके अनुसार गन्ना की पेमेंट भी किसानों को समय पर मिले, इसे लेकर भी इस बार सरकार बहुत ज्यादा गंभीर है।

इस मिल में भी पिराई 12 दिसंबर से शुरू होने का दावा किया जा रहा है। पिराई सीजन शुरू होने से पहले ही किसानों ने इस बार भी गन्ने का रेट बढ़ाए जाने की मांग बुलंद कर रखी है। भारतीय किसान यूनियन इस मुद्दे लगातार उठा रही है और इसके लिए केन कमिश्नर समेत अन्य संबंधी अधिकारियों से भी मिल चुकी है। उधर, गन्ना खरीद का सरकारी रेट बढ़ाने को लेकर सरकारी स्तर पर  भी कशमकश जारी थी। मगर अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि गन्ना की खरीद मिलों में पुराने रेट पर ही की जाएगी।

 

Isha