बेटी के लिए हरियाणा सरकार की नई पहल

6/7/2018 12:28:17 PM

हिसार(अरोड़ा): आजादी के पावन पर्व 15 अगस्त के दिन लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटी बचाने और पढ़ाने का किया गया आह्वान वर्तमान प्रदेश भाजपा शासनकाल में एक आंदोलन साबित हो रहा है। शासक-प्रशासक से लेकर तमाम सामाजिक संगठन इस आंदोलन से ऐसे जुड़े कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ‘शाबाश हरियाणा’ बोलना ही पड़ा।

ये कथन सुनकर न केवल सरकार खुश है बल्कि इस मुहिम को आत्मसात करने वाले अफसरों को भी ‘संजीवनी’ मिली है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे को सरकारी कार्यालयों से बाहर जमीनी स्तर पर ऐसा रूप लिया कि इसे सोशल मीडिया पर भी लोगों के बीच ले जाया गया। लोगों द्वारा सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से दिए गए सुझावों का पुलिंदा बांध कर अफसरों की टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से मिली। 

प्रधानमंत्री ने इन प्रयासों की प्रशंसा करते हुए हरियाणा सरकार, अफसरों व सामाजिक संस्थाओं के साथ साथ प्रदेश की जनता को इस कार्य में शामिल होने पर आभार और सार्थक परिणामों के लिए बधाई दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ राष्ट्रव्यापी अभियान को प्रदेश सरकार धरातल तक लेकर गई।

इसके तहत सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सअप पर ग्रुप बनाए गए और इस गु्रप के जरिए लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने व केवल बेटियों वाले अभिभावकों जैसे लोगों से सुझावों का अदान-प्रदान का सिलसिला शुरू किया। इसके तहत ऐसे ऐसे सुझाव सामने आए जिनका पूरा पुलिंदा तैयार कर लोकसंपर्क विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सतीश मेहरा व डिप्टी डायरेक्टर बी.एल. धीमान के नेतृत्व में अफसरों की टीम दिल्ली पहुंची और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री मेनका गंधी से मिली है और इस ग्रुप के जरिए जुटाई गई तमाम जानकारियां प्रदान की। 

मंत्रियों को भी सौंपें हैं सुझावों के पत्र
सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के 2 उप निदेशक सतीश मेहरा व बहादुर लाल धीमान द्वारा यह पहल की गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस गु्रप ने हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओ.पी धनखड़, महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन को भी सुझावों के पत्रों को ज्ञापन के रूप में सौंपकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में कुछ और ठोस कदम उठाने की मांग की है। विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भी इस पहल की सराहना की गई है। 

सुझाव पत्र में इन बातों का है जिक्र
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार सोशल मीडिया पर आए सुझावों को मांगों के रूप मे प्रधानमंत्री मोदी व महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी को भेजा है ताकि देश व प्रदेश स्तर पर इन सुझावों को लागू किया जा सके जिससे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और बल मिलेगा। इन सुझावों पर आधारित मांगों में कहा गया है कि वे बहनें जिनका भाई नहीं है उन्हें राज्य व केन्द्र सरकार की नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं के दाखिलों में श्रेणीवार एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाए। जिन सरकारी कर्मचारी दम्पतियों की औलाद केवल लड़कियां हैं उन कर्मचारियों की सरकारी सेवानिवृति की सीमा 58 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की जानी चाहिए ताकि ऐसे माता-पिता अपनी लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा कर सकें।

इसके साथ-साथ वे बहनें जिनका सगा भाई नहीं है और किसी भी सरकारी व गैर सरकारी संस्थान में पढ़ाई कर रही हैं उनकी पूरी फीस माफ  की जाए। सरकार द्वारा छात्रवृति भी दी जाए। सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा मांग की गई है कि बिना भाई वाली लड़कियों की सरकारी क्षेत्र में नौकरी के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 45 वर्ष हो। इसके अलावा किसी भी शिक्षण संस्थान में पढऩे वाली लड़कियों को सरकार द्वारा शिक्षा भत्ता दिया जाना चाहिए।
 

Deepak Paul