हरियाणा सरकार का पानी-सीवर कनेक्शन शुल्क पर बड़ा फैसला
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 11:35 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए बड़ा राहत भरा निर्णय लिया है। सरकार ने पानी व सीवर कनेक्शन शुल्क, मीटर स्थापना शुल्क तथा रोड कट चार्ज से संबंधित नई नीति अधिसूचित करते हुए उपभोक्ताओं को किफायती और सरल विकल्प उपलब्ध कराए हैं। यह प्रावधान 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गए हैं।
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इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया बताया कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत नगर निगम सीमा और उसके अंतर्गत आने वाले गांवों के नागरिक अब पानी-सीवर कनेक्शन के लिए दो विकल्प चुन सकेंगे। इनमें एकमुश्त भुगतान विकल्प के तहत पानी कनेक्शन शुल्क 1000 रूपए तथा सीवर कनेक्शन शुल्क 500 रूपए है। इसके अतिरिक्त पानी उपभोग शुल्क/वेस्ट वाटर डिस्पोजल शुल्क लागू टैरिफ के अनुसार देना होगा तथा संपूर्ण सामग्री व श्रम लागत उपभोक्ता स्वयं वहन करेगा।
बिना एकमुश्त शुल्क के कनेक्शन के तहत उपभोक्ताओं को केवल पानी शुल्क/वेस्ट वाटर डिस्पोजल शुल्क देना होगा। इसके साथ 10 रूपए प्रति माह (15 वर्षों तक) पानी/सीवर कनेक्शन शुल्क के बदले तथा 25 रुपए प्रति माह (6 वर्षों तक) पानी मीटर की लागत (यदि मीटर विभाग द्वारा लगाया जाता है) के लिए कटेंगे। यदि घर में पहले से कार्यशील मीटर है तो मीटर शुल्क लागू नहीं होगा। इस विकल्प में पूरी सामग्री और श्रम लागत विभाग द्वारा वहन की जाएगी तथा मीटर टेस्टिंग शुल्क भी शून्य रहेगा यदि मीटर विभाग द्वारा दिया गया है। मीटर इंस्टॉल करने के लिए नगर निगम गुरुग्राम द्वारा जल्द ही एजेंसी एंपैनलमैंट की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने सड़क कटिंग शुल्क को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, अगले 5 वर्षों तक रोड कट चार्ज नहीं लिया जाएगा। हालांकि, यदि कोई उपभोक्ता अपने कनेक्शन पर घरेलू पानी मीटर लगवाने से मना करता है, तो उसे रोड कट चार्ज स्वयं भरना होगा। नई नीति के अलावा वर्ष 2011 की अधिसूचना की सभी शर्तें यथावत लागू रहेंगी।
निगमायुक्त ने कहा कि यह कदम नागरिकों को अधिक सुविधाजनक और किफायती कनेक्शन उपलब्ध कराने, अवैध कनेक्शनों को नियमित करने और पानी/सीवर सेवा को व्यापक बनाने हेतु उठाया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राजस्व वृद्धि के साथ-साथ सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा।