अब ट्रेनों की लेटलतीफी पर जिम्मेदार होंगे अफसर

3/21/2017 3:05:21 PM

गुड़गांव(ललिता):अब यात्रियों को ट्रेन के लेट होने पर रेलवे से रिफंड मांगने की आवश्यकता नहीं है। रेलवे अधिकारियों की गलती का खामियाजा अब रेलवे नहीं भुगतेगी, बल्कि अपनी गलती का भुगतान भी अब खुद अधिकारी को ही करना होगा। रेलवे के नए नियम के अनुसार ट्रेन लेट होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी को ही रिफंड राशि का भुगतान अपनी जेब से ही करना होगा। ट्रेनों के रियल टाइम अपडेट की जिम्मेदारी ट्रेन के डिब्बे में ही मौजूद टाइम कीपर की होती है। वही ट्रेन का रियल आइम डाटा नेशनल ट्रेन इंक्वायरी को देता है। एनटीएस के डाटा में अपडेट न करने के कारण यदि ट्रेन लेट होती है और स्टेशन पर घंटों देरी से पंहुचती है तो उसे रिफंड के लिए रेलवे के टाइम कीपर की ही सैलरी से पैसे कटेंगे। 

मई से शुरू होगी योजना
ट्रेनों की लेटतीफी पर लगाम लगाने के लिए रेलवे मंत्रालय ने यह बड़ा फैसला किया है। दरसल ट्रेनों के लेट होने के कारण यात्रियों को अब घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं है। ट्रेनों के घंटों लेट होने की हालत में यात्री तुरंत अपनी टिकट कैंसिल करवाकर अपने पैसे वापिस मांग सकता है। ऐसे में ट्रेनों के लेट होने में अधिकारियों की लापरवाही तो रुकेगी ही साथ ही ट्रेन लेट होने पर यात्री को आसानी से रिफंड मिल जाएगा। इस नियम से अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना हरकतों का खामियाजा भी अब स्वयं ही भुगतना होगा। रेलवे का यह बड़ा फैसला केवल ट्रेनों की दिन पर दिन बढ़ रही लेटलतीफी पर लगाम लगाने के लिए लागू किया गया है।

क्या कहते हैं एसएस 
इस बारे में एसएस जगदीश प्रसाद का कहना है कि ट्रेनों की घंटों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को घंटों परशानियों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि रेलवे की इस योजना से ट्रेनों की लेटलतीफी पर तो लगाम लगेगी ही। साथ ही ट्रेन यात्रियों को ट्रेन लेट होने पर टिकट कैंसिल कराने पर आसानी से रिफंड राशि मिल जाएगी।