7 साल की कड़ी मेहनत के बाद गुरुग्राम की बेटी बनी जज, पूरा किया पिता का सपना

5/15/2017 3:40:48 PM

गुरुग्राम(राशि मनचंदा):गुरुग्राम की रहने वाली 30 वर्षीय गरिमा यादव ने 7 साल कड़ी मेहनत के बाद गुजरात जुडिशल सर्विस में परीक्षा में सातवां रैंक हासिल कर हरियाणा प्रदेश व अपने इलाके का नाम रोशन किया है। दरअसल गरिमा यादव के पिता डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (जिला न्यायधीश )में कार्यरत थे और पिता के कार्यों को देखते हुए बेटी ने जज बनने का फैसला किया। 

7 साल की कड़ी मेहनत के बाद बनी जज
गरिमा ने सबसे पहले 2011 में हरियाणा में जुडिशल की परीक्षा दी लेकिन वह उसमें पास नहीं हो सकी। उसके बाबजूद गरिमा ने अपना साहस नहीं छोड़ा और फिर 2014 में दिल्ली में जुडिशल की परीक्षा दी, उसमें भी उसको निराशा हाथ लगी। गरिमा ने यह ठान ली थी कि वह जज बनकर रहेगी। गरिमा ने 2015 में परीक्षा दी लेकिन कड़ी मेहनत के बाद उसके हाथ सफलता नहीं लग रही थी और फिर 2016 में दिल्ली में जुडिशल की परीक्षा दी, उसका रिजल्ट अभी तक नहीं आया है। लेकिन 29 जनवरी 2017 को इस बार फिर गरिमा ने गुजरात जुडिशल सर्विस की परीक्षा दी, जिसमें गरिमा यादव ने सातवां रैंक हासिल कर ही लिया और अपना सपना भी पूरा कर लिया। अब गरिमा जज बन ही गई।

परीक्षा से पहले गरिमा ने सीखी गुजराती भाषा
गरिमा यादव ने गुजरात जुडिशल की परीक्षा से पहले गुजराती भाषा को सीखा और इसके लिए वह गुरुग्राम से दिल्ली रोजाना सिखने जाती थी। जब गरिमा ने गुजराती भाषा को सीख लिया और उसके बाद उन्होंने जुडिशल की परीक्षा दी, उसमें उसे सफलता प्राप्त हुई। हालांकि यह सब भी इतना आसान नहीं था। इसमें लगभग 7000 टोटल छात्र थे, लेकिन 86 छात्रों ने ही परीक्षा पास की। जब 86 छात्रों का इंटरव्यू हुआ तो उसमें से केवल 31 छात्रों को ही बुलाया गया। लेकिन 31 छात्रों में केवल 24 छात्रों का ही सिलेक्शन हुआ, जिसमें गरिमा यादव ने सातवां रैंक हासिल किया है  

बहन से प्रेरणा लेकर भाई भी कर रहा है जुडिशल की तैयारी
गरिमा यादव की सफलता को देख गरिमा के भाई भी अब हरियाणा जुडिशल   सर्विस की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वे भी अपनी बहन से प्रेरणा लेकर ये परीक्षा देंगे अौर उन्हें विश्वास है कि पहले ही राउंड में वो हरियाणा जुडिशल की परीक्षा पास कर लेंगे । पूरे परिवार में इस समय ख़ुशी का माहौल है। गरिमा यादव को बधाई देने का उनके घर पर तांता लगा हुआ है। परिवार वाले भी यही चाहते हैं कि गरिमा यादव अपनी लग्न व ईमानदारी से अपने कार्यों को पूरा करेगी।

जज की कुर्सी पर बैठने से पहले लिया प्रण
जज की कुर्सी पर बैठने से पहले गरिमा यादव ने यह भी प्रण लिया है कि वह ईमानदारी से अपने कार्यो को पूरा करेगी और महिलाओं की आवाज को दबने नही देंगी। लेकिन अभी परीक्षा पास होने पर गरिमा एक साल की ट्रेनिंग भी लेगी, जिसमें जुडिशल से जुड़ी जानकारियों के बारे में बताया जाएगा।