प्याज के बढ़ते दामों को लेकर खट्टर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

1/8/2020 11:32:03 AM

डेस्क(बंसल): केंद्र तथा प्रदेश की मंडियों के प्याज के रेटों में अंतर न देख हरियाणा सरकार ने केंद्र से प्याज नहीं खरीदने का फैसला किया है और इस संदर्भ में केंद्र को पत्र लिख दिया है। प्याज के बढ़ते दामों को लेकर चौतरफा विरोध के चलते केंद्र सरकार से प्याज खरीदने का फैसला किया गया था, जिसमें केंद्र की तरफ से लगभग अढ़ाई हजार मीट्रिक टन प्याज हरियाणा को दिए जाने की पेशकश की गई थी।
हरियाणा सरकार ने 4 जिलों हिसार, पंचकूला, करनाल और गुरुग्राम की मंडियों में प्याज के भाव चैक करवाए तो इन मंडियों में औसतन 70 रुपए किलो के हिसाब से प्याज उपलब्ध मिला। इसके अलावा नासिक के लहसन गांव की मंडी से भी रेट चैक किए गए। वहां एक माह पहले 8600 रुपए किं्वटल प्याज के रेट थे, जबकि वर्तमान में वहां भी 3500 रुपए किं्वटल के हिसाब से प्याज मिल रहा है। 

केंद्र की ओर से 60 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज की आपूर्ति की जानी थी। दिल्ली से प्याज लाने में भी 10 से 15 रुपए प्रति किलो खर्चा पड़ रहा था। ऐसे में 70-75 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ही प्रदेश में राशन डिपो के माध्यम से लोगों को प्याज की सप्लाई सरकार कर पाती। रेटों में ज्यादा अंतर न देख सरकार केंद्र से प्याज खरीदने से पीछे हट गई। जब प्याज की कीमत 120 रुपए को पार कर गई तो मेवात से प्याज खरीदने का फैसला किया। मेवात के किसानों ने भी जब इसी भाव में प्याज देने की बात कही तो सरकार ने इस योजना को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

चार मंडियों का सर्वे करवाया गया तो केंद्र और प्रदेश की मंडियों के भाव लगभग बराबर मिले। इसके बाद फैसला किया गया कि केंद्र से प्याज नहीं लिया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से 60 रुपए किलो के हिसाब से लगभग अढ़ाई हजार मीट्रिक टन प्याज देने की बात कही गई। दिल्ली से हरियाणा तक लाने में परिवहन का खर्चा भी होना था।  
-पी.के. दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा।

Isha