SYL पर 'जंग’ के मूड में इनेलो, 6 अप्रैल से जंतर-मंतर पर देंगे धरना

3/18/2017 12:55:52 PM

हिसार(संजय अरोड़ा):एस.वाई.एल. नहर के निर्माण को लेकर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल इनैलो द्वारा पिछले वर्ष ‘जलयुद्ध’ के नाम से जल को लेकर शुरू की गई जंग के इस वर्ष भी लगातार जारी रहने के आसार हैं। इनैलो की ओर से 15 मार्च को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एस.वाई.एल. के मुद्दे पर किए प्रदर्शन में इनैलो के सियासी ताकत दिखाए जाने के बाद पानी की इस लड़ाई को निरंतर जारी रखते हुए पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल की पुण्यतिथि 6 अप्रैल से नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर ही अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया है। इस आंदोलन के तहत हरियाणा के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के इनैलो कार्यकर्त्ता प्रतिदिन जंतर-मंतर पर धरना देने के साथ-साथ प्रदर्शन करेंगे और यह सिलसिला लगातार 90 दिनों तक जारी रहेगा। 

90 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्त्ताअों की ओर से दिए जाने वाले धरने के बाद इनैलो की ओर से आगामी रणनीति का ऐलान बाद में किया जाएगा। एस.वाई.एल. के साथ-साथ राजधानी के रूप में चंडीगढ़ पर अपना दावा प्रस्तुत करने और अपना अलग से हाईकोर्ट बनाने की मांग पर भी इनैलो आंदोलन का शंखनाद करेगा। इनैलो नेताओं ने यह भी कहा कि यह पहला मौका था जब इनैलो कार्यकर्त्ताअों की फौज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने गई। भले ही उन्हें इसके बदले साईमन कमीशन की भांति दिल्ली पुलिस की लाठियों का शिकार होना पड़ा। इन नेताओं का कहना था कि इनैलो कार्यकर्त्ताओं पर पड़ी लाठियां सरकार के पतन का कारण बनेगी।

राष्ट्रपति व राज्यपाल से हो चुकी है मुलाकात
एस.वाई.एल. के मुद्दे पर शुरू किए गए आंदोलन को लेकर अभय सिंह चौटाला ने इस मामले में जहां भाजपा व कांग्रेस के सभी सांसदों, विधायकों सहित अन्य बड़े नेताओं के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के प्रमुखों से सहयोग मांगा और उन्हें हर तरफ से नकारात्मक संकेत ही मिला। इसके साथ-साथ उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर इस मुद्दे पर महामहिम राष्ट्रपति के साथ-साथ राज्यपाल हरियाणा से भी मुलाकात की। इसके अलावा अभय सिंह चौटाला ने इस मामले में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस वर्ष 23 जनवरी को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा, मगर उन्हें अभी तक समय नहीं मिल पाया है।

भाजपा व कांग्रेस कर रही अनदेखी
नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला का कहना है कि एस.वाई.एल. निर्माण पर उनकी पार्टी का आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक नहर निर्माण नहीं हो जाता और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल जाता। इस मुद्दे पर हरियाणा के हितों की अनदेखी करने के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों बराबर जिम्मेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते थे कि हमें दिल्ली चलकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए और अब जब हम 15 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जा रहे थे तो हमने हुड्डा सहित भाजपा व कांग्रेस के सभी नेताओं को साथ चलने का आह्वान किया था, मगर इन नेताओं का कहीं कोई अता-पता नहीं है। पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पंजाब का घोषणापत्र जारी करने में सहयोग देकर हरियाणा के हितों से विश्वासघात किया तो अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक तंवर ने पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर हरियाणा के हितों पर कुठाराघात किया है।