हरियाणा पहला राज्य जिसने ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ के फेज-थ्री के फर्स्ट बैच को पूरा किया: चौटाला

3/7/2021 11:51:01 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को हरियाणा निवास में पत्रकार-वार्ता को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ के फेज-थ्री के फस्र्ट-बैच को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ के फेज-थ्री के फर्स्ट-बैच में 690 किलोमीटर लंबाई की ग्रामीण सडक़ हरियाणा के हिस्से में आई थी जिस पर 383.58 करोड़ रूपए की लागत आई है। इसके अलावा, इसी योजना के तहत एक और ऐतिहासिक सफलता अर्जित करते हुए हरियाणा देश का प्रथम राज्य बना जिसको फेज-टू का अप्रूवल सबसे पहले दो दिन पूर्व ही 5 मार्च 2021 को मिला है। इसमें करीब 550 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली 120 सडक़ों की मंजूरी मिली है। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 14 जिलों के लिए मंजूर हुई इन सडक़ों की कुल लंबाई 1217 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि जिन 14 जिलों के लिए सडक़ें मंजूर हुई हैं उनमें अंबाला जिला में 9, भिवानी में 17, फरीदाबाद में 2, फतेहाबाद में 14, हिसार में 14, जींद में 3, कैथल में 7, कुरुक्षेत्र में 8, महेंद्रगढ़ में एक, पलवल में 12, पानीपत में 11, रोहतक में 4, सिरसा में 7 तथा सोनीपत में 11 सड़कें शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली बार ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ में 11 जिलों के लिए 670 किलोमीटर लंबाई की सड़कें मंजूर हुई थी।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में अहम कदम उठाते हुए इस बार गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल 2021 से शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि किसानों को अगेती फसल का भंडारण न करना पड़े। पिछली बार 10 अप्रैल से खरीद आरंभ हुई थी। गेहूं की खरीद के लिए करीब 400 छोटे-बड़े खरीद-केंद्र बनाए जाएंगे। इसके बावजूद किसानों की जरूरत के अनुसार मंडी बनाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि देश में हरियाणा एकमात्र राज्य है जहां गेहूं, सरसों, दाल, चना, सूरजमुखी, जौ समेत कुल 6 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर खरीदी जाती हैं। पहली बार प्रदेश में जौ फसल की एमएसपी पर खरीद की जाएगी और इसके लिए 7 मंडियां निर्धारित की गई हैं।

उन्होंने बताया कि देश के इतिहास में हरियाणा ऐसा प्रथम प्रदेश होगा जहां  जे-फार्म कटने के 48 घंटे के अंदर फसल-बिक्री की कीमत किसान की मर्जी के अनुसार उसके खुद के बैंक खाते में या आढ़ती के खाते में पहुंच जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि पड़ोसी राज्य भी किसान-हित में इस नीति को अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब, राजस्थान व अन्य पड़ोसी राज्य हरियाणा की फसल-खरीद का मॉडल अपनाना चाहेंगे तो हरियाणा सरकार उनको हरसंभव तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य के 7.25 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर स्वयं पंजीकृत करवाया है। यही नहीं पड़ोसी राज्यों के एक लाख 3 हजार किसानों ने भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया है।
 

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Content Writer

Shivam