दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा जिम्मेदार नहीं: विपुल गोयल

11/8/2017 10:53:46 AM

चंडीगढ़(पांडेय):दिल्ली में फैले स्मॉग पर भले ही नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने हरियाणा, पंजाब व यू.पी. को नोटिस देकर जवाब मांगा हो, लेकिन हरियाणा ने इसके लिए प्रदेश को जिम्मेदार ठहराने का विरोध किया है। पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने दिल्ली सरकार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण है और उसे रोकने के बजाय दिल्ली सरकार व उनके मुख्यमंत्री व मंत्री हरियाणा पर ठीकरा फोड़ रहे हैं जो गलत है। गोयल ने कहा कि इस बार हरियाणा में पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक किया है व प्रदेश में पराली के मामलों में कमी हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को खुद अपने वाहनों और निर्माणाधीन मकानों से निकलने वाले प्रदूषण पर रोक लगानी चाहिए। हरियाणा के किसी जिले में प्रदूषण की मात्रा नहीं बढ़ी है। ऐसे में वह एन.जी.टी. को भी अपने तथ्यों से अवगत करवाएंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दौरान पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाई थी जिसका असर दिखा था। दीपावली के बाद प्रदूषण की मात्रा कम पाई गई, लेकिन पिछले 2 दिन से दिल्ली की हवाओं में एक बार फिर प्रदूषण तैर रहा है। हरियाणा पर्यावरण विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट में बताया गया कि इस वर्ष पराली जलाने के मामले में 227 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 1000 से ज्यादा किसानों को पराली जलाते हुए पकड़ा गया, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई। विभाग की ओर से बताया गया कि 4 नवम्बर तक विभाग के पास 963 मामले सामने आए व 5 नवम्बर को 48 केस पकड़े गए।

अब पराली से एथिनाल बनाने की कवायद
पराली जलाने की समस्या का पूरी तरह से निदान करने के लिए हरियाणा पर्यावरण विभाग और इंडियन ऑयल के बीच एक समझौता हुआ है जिसमें पानीपत रिफाइनरी के पास एथिनाल बनाने का काम शुरू किया जाएगा। इंडियन ऑयल के अफसरों ने ही सरकार को सुझाव दिया था कि पराली का उपयोग इस काम में लिया जा सकता है।

सी.एम. सिटी में पराली जलाने के मामले अधिक
पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट मेें बताया गया कि सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल जिले में 310 मामले हुए हैं। इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 184, सिरसा में 172, कैथल में 137, जींद में 48, पानीपत में 37, सोनीपत में 26, पलवल में 15, पंचकूला में 6 और यमुनानगर में 4 मामले दर्ज किए गए हैं।

किसानों से वसूला 11 लाख रुपए जुर्माना
पर्यावरण विभाग की ओर से कहा गया कि पराली जलाने पर 454 किसानों से जुर्माने के तौर पर 11 लाख 89 हजार 500 रुपए की राशि वसूली गई। विभाग का मानना है कि इस बार सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई और किसानों ने पराली नहीं जलाने का संकल्प भी लिया है।