जर्जर हालात बिल्डिंग में पढ़ रहा है देश का ‘भविष्य’

4/30/2017 3:20:48 PM

जुलाना(पांचाल):सरकार व प्रशासन बच्चों के दाखिले सरकारी स्कूलों में करवाने के लिए सरकारी सुविधाएं गिनवाने में लगे हुए हैं लेकिन किनाना गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बच्चे जिंदगी को जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हालात में है। हर रोज छत से कंक्रीट के बड़े-बड़े टुकड़े बच्चों के सिर पर पड़ते रहते हैं। कई बच्चे इससे घायल हो चुके हैं। प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बिल्डिंग बनाते समय जो सरिया छत में लगाया गया है, वह भी जंग लगने से गल चुका है। प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। 

3 साल से एक कमरे का निर्माणकार्य अधर में 
विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी हैं लेकिन उनके बैठने के लिए कमरे कम पड़ रहे हैं। इसके चलते बच्चों को साइंस रूम में बैठना पड़ता है। स्कूल बिल्डिंग मे बच्चों के बैठने की व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत ने सरकार से बिल्डिंग की गुहार लगाई थी। सरकार ने ग्रांट तो दी लेकिन बिल्डिंग का कार्य 3 साल बाद भी अधर में लटका हुआ है। बच्चे गर्मी में पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं। कमरों की संख्या कम होने पर बच्चे बिना फर्श और बिना लिपाई की दीवारों वाले कमरे में पढ़ रहे हैं। बच्चों का कहना है कि इस कमरे से कई बार बिच्छू और सांप निकल चुके हैं। स्कूल प्रशासन बार-बार इस बारे में प्रशासन से गुहार लगाता रहा है लेकिन प्रशासन के रवैये को देखकर लगता है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।     

क्या कहते हैं अधिकारी 
खंड शिक्षा अधिकारी आदर्श राजन ने कहा कि ॠकिनाना के राजकीय स्कूल की बिल्डिंग को कंडम घोषित किया जा चुका है। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में लिख जा चुका है। जैसे ही कोई निर्देश आता है तो निर्माण कार्य किया जाएगा।