दिव्यांगों के लिए खुलेंगे स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर: खट्टर

12/3/2016 8:31:25 AM

कुरुक्षेत्र: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार दिव्यांगों को आगे बढ़ाने व उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। सरकार ने हर जिले में दिव्यांगों के लिए ट्रेनिंग व स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर खोलने व भवनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने का निर्णय लिया है।  

मुख्यमंत्री शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार व सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग हरियाणा व भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) कानपुर के तत्वावधान में कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के दिव्यांगों के लिए आयोजित सामाजिक आधिकारिता शिविर व नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में बोल रहे थे। 

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में करीब 3,100 दिव्यांगों को करीब 2.12 करोड़ रुपए के सहायक उपकरण वितरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। अपने दृढ़ संकल्प के साथ प्रतिभा का विकास कर अच्छा जीवन जी सकते हैं। गत दिनों पैरा ओलिम्पिक में देश के 5 दिव्यांगों ने विश्व में पदक जीतकर भारत का परचम लहराया है। इसमें हरियाणा की दीपा मलिक ने सिल्वर पदक जीतकर दिव्यांगता को मात दी, जिस पर हरियाणा सरकार ने भी उसे 4 करोड़ का इनाम दिया। उन्होंने दिव्यांगों का आह्वान किया कि समाज व जनहित में उनका योगदान अपेक्षित है। 

हरियाणा सरकार ने अब तक 10,000 दिव्यांगों को सहायता उपकरण वितरित करवाए हैं तथा आगामी दिनों में 1 लाख को वितरित किए जाएंगे। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि दिव्यांग होने की स्थिति में अपना मनोबल व विश्वास कमजोर नहीं होना चाहिए। हरियाणा के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां गीता के संदेश को पाठ्यक्रम में शामिल किया है।

सामाजिक न्याय व आधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि उनका विभाग दिव्यांगों को सामान्य जीवन जीने के लिए हरसंभव मदद कर रहा है। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभाग द्वारा वितरित की जाने वाली पैंशन योजनाओंं में बढ़ौतरी का लाभ दिसम्बर से दिया जाएगा। सरकारी भवनों को सुगम बनाया जा रहा है जिनमें 90 भवनों पर काम शुरू हो गया है। दिव्यांगों के पहचान-पत्र बनाए जाएंगे। भारत सरकार के साथ मिलकर करनाल के किसी कालेज में मूक व बधिर बच्चों के लिए अलग विंग शुरू की जाएगी। प्रत्येक जिले में स्किल व ट्रेनिंग सैंटर बनाए जाएंगे।