बीएस संधू हरियाणा के नए DGP नियुक्त, मुख्यालय पहुंचकर संभाला कार्यभार

4/28/2017 12:24:58 PM

चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय):सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद एक्शन में आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की टॉप गियर में सबसे पहले डी.जी.पी. के.पी. सिंह फंस गए। सरकार ने 6 आई.पी.एस. और एक एच.पी.एस. अधिकारी के तबादला एवं नियुक्ति आदेश जारी करते हुए डी.जी.पी. डॉ. केपी सिंह को पद से हटा दिया है।

हरियाणा पुलिस आवास निगम पंचकूला के प्रबंध निदेशक एवं चेयरमंन बी.एस. संधू हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक होंगे। मिली जानकारी के अनुसार नवनियुक्त डी.जी.पी. बीएस संधू ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया है, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

सूत्रों की मानें तो के.पी. सिंह को डी.जी.पी. पद से हटाने में अहम रोड़ा स्पीकर कंवर पाल गुर्जर से मतभेदों का रहा है। स्पीकर की नाराजगी और अन्य कई बड़ी शिकायतों के कारण पिछले कई दिनों से के.पी. सिंह को बदलने की चर्चाएं जोर पकड़ रही थी। बताया गया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को के.पी. सिंह की वर्किंग स्टाइल रास नहीं आ रही थी। बीते साल जाट आंदोलन में असफल रहने पर डी.जी.पी. वाई.पी. सिंघल को हटाकर के.पी. सिंह को डी.जी.पी. बनाया था। खास बात यह है कि सिंघल को डी.जी.पी. पद से हटाकर डी.जी. जेल लगाया गया था और अब के.पी. सिंह को भी जेल की कमान दी गई है। 

एक साल 14 दिनों तक रहा के.पी. सिंह का कार्यकाल 
डी.जी.पी. के.पी. सिंह का कार्यकाल एक साल 14 दिनों का रहा है। के.पी. सिंह को ऐसे समय में प्रदेश की कमान दी गई थी जब प्रदेश में जाट आंदोलन के बाद सिस्टम को पूरी तरह से संभालना था। 

चर्चाओं में रहे के.पी. सिंह 
डी.जी.पी. बनने के बाद के.पी. सिंह ने जींद के एक कार्यक्रम में विवादास्पद बयान देकर खूब किरकिरी झेली थी। जींद के कार्यक्रम में के.पी. सिंह ने कहा था कि यदि अपराधी दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम देता है या फिर किसी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाता है तो आम आदमी को भी ऐसे अपराधी को जान से मारने का अधिकार है।