राज्य सूचना आयुक्त ने सभी एडीसी को जारी किया कारण बताओ नोटिस

2/4/2020 4:22:55 PM

चंडीगढ़ (धरणी)- आवारा पशुओं की सूचनाएं न देने पर तलब किए गए प्रदेश के 22 जिलों में तीन जिलों के एडीसी प्रतिनिधि ही राज्य सूचना आयुक्त जयसिंह बिश्नोई के सामने पेश हुए। ऐसे में उन्होंने सभी एडीसी को इसे लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही शहरी स्थानीय निकाय, पंचायत विभाग व गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को सूचनाएं दिलवाने व सूचना आयोग में सुनवाई के दौरान सही जन सूचना अधिकारियों को भिजवाने के निर्देश जारी किए हैं। केस की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि प्रदेश की जनता आवारा पशुओं के प्रकोप से पीडि़त है। आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। देहात में किसानों की फसलें खराब हो रही हैं। गौशालाओं व सड़कों पर गोवंश मर रहे हैं। इसी संबंध में उन्होंने एक अक्टूबर 2018 को गोसेवा आयोग में आरटीआई लगाई थी। इस केस में सूचनाएं ना मिलने पर राज्य सूचना आयुक्त जयसिंह बिश्नोई ने सभी 22 जिलों के एडीसी को पिछले साल 30 सितंबर नोटिस भेजकर तलब किया था। लेकिन सोमवार को सुनवाई के दौरान पानीपत, सोनीपत व जींद जिलों के एडीसी की ओर से कर्मचारी पेश हुए जबकि अन्य 19 जिलों से कोई भी अधिकारी पेश नहीं हुआ।

इस पर राज्य सूचना आयुक्त जयसिंह बिश्नोई ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी 22 जिलों के एडीसी को शो-कॉज नोटिस जारी कर 22 अप्रैल को तलब किया है। शहरी निकाय विभाग, पंचायत विभाग व डीजीपी कार्यालय के जनसूचना अधिकारियों को पांच-पांच हजार रुपए की मुआवजा राशि अपीलकर्ता को तुरंत देने के आदेश किए हैं। कपूर ने आरोप लगाया कि सरकार व अधिकारी आवारा पशुओं की समस्या बारे संवेदनहीन हैं। हर जिले में एडीसी की अध्यक्षता में आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए गठित कमेटियां पूरी तरह निष्क्रिय हैं।

Isha